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बिजली सखी से रोशन हो उठी यूपी की महिलाओं की जिंदगी, हर महीने 8-10 हजार रुपए की हो रही आमदनी

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लखनऊ। आजीविका मिशन ने यूपी की महिलाओं की जिन्‍दगी में रोशनी बिखरने का काम किया है। राज्‍य आजीविका मिशन के तहत बिजली सखी की 5,395 सक्रिय सदस्यों ने 62.50 करोड़ रुपये के बिल संग्रहण का कार्य कर एक मिसाल कायम की है। इन महिलाओं को सीधे तौर पर प्रतिमाह आठ हजार से 10 हजार रुपए की आमदनी हो रही है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने जबसे प्रदेश की कमान संभाली है तबसे अब तक प्रदेश की महिलाओं के हित में कई बड़ी योजनाओं को लागू किया है जिससे ग्रामीण व शहरी क्षेत्र की महिलाएं आर्थिक रूप से आत्‍मनिर्भर बन रही हैं।

प्रदेश में स्‍वयं सहायता समूह की महिलाएं मीटर रीडिंग और बिल संग्रह करने में मदद कर रही हैं। बिजली सखियों के रूप में डब्ल्यूएसएचजी के सदस्यों ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों से 62.50 करोड़ रुपये से अधिक के बिजली बिलों के संग्रह कार्य को पूरा कर लिया है। वर्तमान में राज्य के 75 जिलों में बिजली बिल संग्रहण के लिए एक एजेंसी के रूप में यूपीपीसीएल के पोर्टल पर 73 क्लस्टर स्तरीय संघों को पंजीकृत किया गया है। इसके लिए कुल 15310 महिला स्वयं सहायता समूह सदस्यों का चयन किया गया है, जिनमें से 5395 सक्रिय सदस्यों ने 62.50 करोड़ रुपये के बिल संग्रहण का कार्य किया है। इससे अब तक महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को कुल 90.74 लाख रुपये का कमीशन मिला है।

ग्रामीण आजीविका मिशन के मिशन निदेशक भानु गोस्‍वामी ने बताया कि बिजली सखी से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं सशक्त बन रही हैं। इन महिलाओं को ग्रामीणों के घर से बिजली बिल संग्रह के काम में शामिल करके अतिरिक्त आय उत्पन्न करने में राज्य सरकार की पहल रंग ला रही है। उन्‍होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे ताकि स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को नागरिकों से बिल भुगतान एकत्र करने की अनुमति मिल सके।

सीएम की योजनाओं का सीधे तौर पर मिल रहा लाभ

महोबा की यासमीन बानो पिछले डेढ़ साल से ‘हिना महिला स्वयं सहायता समूह’ की सदस्य के रूप में काम कर रही हैं। समूह से जुड़ने से पहले अपने परिवार को आर्थिक रूप से सहारा देने के लिए पर्याप्त नहीं कमा पा रही थी। मुंह की बीमारी से पीड़ित यासमीन खराब आर्थिक स्थिति के कारण इलाज का खर्च भी नहीं उठा पा रही थीं, लेकिन बिजली सखी बनने के बाद अब वह 8000 से 10,000 रुपये महीना कमा न सिर्फ परिवार का सहारा बनी बल्कि उन्होंने अपनी बीमारी का इलाज भी करवाया।

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प्रादेशिक

मध्य प्रदेश: विधायक हजारीलाल दांगी के पोते ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, LLB की कर रहा था पढ़ाई

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इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में खिलचीपुर से भाजपा विधायक हजारीलाल दांगी के पोते विजय दांगी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। पुलिस को उसके पास से दो पेज का सुसाइड नोट भी मिला है। सुसाइड नोट के अनुसार उसका अपने दोस्त से विवाद चल रहा था, जिसके चलते उसने ये कदम उठाया है।

मृतक का नाम विजय बताया जा रहा है। सुसाइड नोट में उसने लिखा है कि ‘मैं अपनी मर्जी से मर रहा हूं घरवालों को परेशान ना करें’, मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरु कर दी है। पुलिस के मुताबिक मृतक विजय की उम्र 19 साल बताई जा रही है।

मृतक विजय इंदौर के गांधी नगर थाना क्षेत्र में रहकर एलएलबी की पढ़ाई कर रहा था। सुसाइड के पीछे दोस्ती का कारण सामने आ रहा है। पुलिस के मुताबिक शव को सोमवार रात को ही पीएम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। पोस्टमार्टम के बाद विजय का शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा। यहां विधायक के रिश्तेदार भी पहुंच चुके हैं। विजय के परिवार जनों का रो रो कर बुरा हाल है, उन्हे समझ ही नहीं आ रहा उसने ऐसा कदम क्यों उठाया। विजय ने अपने सुसाइड नोट में घर वालों से माफी मांगी है। विजय का एक बड़ा भाई और है जो एमबीए की पढ़ाई कर रहा है।

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