Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र ने शांतिदूतों को मरणोपरांत सम्मानित किया

Published

on

संयुक्त राष्ट्र ने शांतिदूतों को मरणोपरांत सम्मानित किया

Loading

संयुक्त राष्ट्र ने शांतिदूतों को मरणोपरांत सम्मानित किया

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र मिशन के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले यूएन शांतिदूतों को मरणोपरांत सम्मानित किया। 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में एक पुष्पांजलि समारोह का संचालन किया, जिसमें उन महिलाओं व पुरुषों को श्रद्धांजलि दी गई, जिन्होंने दुनियाभर में शांति अभियानों के दौरान अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।

संयुक्त राष्ट्र के आकड़ों के अनुसार, पिछले साल हिंसक गतिविधियों, दुर्घटनाओं व बीमारियों के चलते 50 देशों के 129 शांतिदूतों की मौत हो गई। 1948 से अब तक यह आकड़ा करीब 3,500 पहुंच गया है।

बान की-मून ने उद्घाटन समारोह में सेनेगल के दिवंगत सैन्य अधिकारी कैप्टन डिआग्ने के परिवार को पहला ‘कैप्टन मबाये डिआग्ने मेडल फॉर इक्सेप्शनल करेज’ पदक सौंपा। कैप्टन डिआग्ने ने 1994 में रवांडा जनसंहार के दौरान शांतिदूत के रूप में सैंकड़ों लोगों की जान बचाई थी।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

Continue Reading

Trending