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जुर्म

उदयपुर: दो और लोगों पर है कट्टरपंथियों का खतरा, क्या पुलिस कर पाएगी सुरक्षा?

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उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की गला काटकर की गई निर्मम हत्या से पहले कट्टरपंथियों ने कन्हैयालाल के अलावा दो और लोगों को भी मारने की धमकी दी थी ।

इसमें से एक का जिक्र आरोपी मोहम्मद रियाज अत्तारी ने अपने 17 जून को बनाए गए वीडियो में किया है। कन्हैयालाल की मौत के बाद अब इनकी सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ गई है। बड़ा सवाल यह भी उठता है कि कन्हैया की सुरक्षा में कोताही कर चुकी पुलिस बाकी दो लोगों को सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाएगी?

दरअसल, नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट को लेकर कुछ लोगों ने 10 जून को धानमंडी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कन्हैयालाल के अलावा 2 और लोगों का नाम था।

पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 151 के तहत तीनों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, सभी को कोर्ट से जमानत मिल गई थी। जमानत मिलने के बाद से ही तीनों को धमकियां मिलने लगी थीं।

तीनों ने थाने में दी थी शिकायत, मांगी थी सुरक्षा

धमकियां मिलने के बाद कन्हैया की तरह दो अन्य लोगों ने भी पुलिस थाने में जाकर शिकायत की थी और सुरक्षा की मांग की थी। लेकिन पुलिस ने तीनों को सुरक्षा देने की बजाय दोनों समुदाय के कुछ लोगों को बुलाकर समझौता करा दिया। आरोपियों की गिरफ्तारी करने की बजाय लोगों को शांति और भाईचारे के साथ रहने की सलाह दी गई।

लगातार की जा रही थी रेकी

सूत्रों के मुताबिक, आरोपी लगातार तीनों की रेकी में जुटे थे। खतरे को देखते हुए कन्हैयालाल ने अपनी दुकान 6 दिनों तक बंद रखी लेकिन रोजी-रोटी के लिए कपड़ा सिलाई करने वाले कन्हैया ने मंगलवार को हिम्मत दिखाते हुए दुकान खोली।

रेकी कर रहे आरोपियों ने कन्हैया को दुकान में देखकर कपड़ा सिलवाने के बहाने उसे मौत के घाट उतार दिया। बताया जा रहा है कि आरोपी बाकी दो लोगों की भी तलाश में थे। 17 जून के वीडियो में रियाज ने दूसरे कट्टरपंथियों से इस काम को पूरा करने की अपील की थी।

ऐसे में रियाज और गौस की गिरफ्तारी के बाद भी बाकी दो लोगों पर खतरा बरकरार है। अभी यह साफ नहीं है कि पुलिस ने कन्हैया के साथ गिरफ्तार किए गए बाकी दो लोगों को सुरक्षा मुहैया करा दी है या नहीं।

उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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