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कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता ने किया द्रौपदी मुर्मू का समर्थन, पार्टी को दी नसीहत

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नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया है। उन्होंने कांग्रेस हाईकमान को नसीहत भी दे डाली।

आचार्य प्रमोद कृष्णम के ट्वीट से हलचल बढ़ गई है। दरअसल, बुधवार की रात को प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट किया कि ‘पंडित मोतीलाल नेहरु से लेकर आज तक कांग्रेस हमेशा शोषित, वंचित और आदिवासियों के साथ खड़ी रही है, राष्ट्रपति चुनाव में एक आदिवासी महिला उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू का विरोध करना मेरे विचार से बिलकुल उचित नहीं है, पार्टी हाई कमान को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।

गौरतलब है कि आज ही 10 जनपथ पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है। बैठक में 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के अलावा कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। कांग्रेस की मीटिंग से पहले प्रमोद कृष्णम का यह ट्वीट चर्चा का विषय बन गया है।

दूसरी ओर, यूपीए से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का कल बुधवार को भोपाल में कमलनाथ के निवास पर स्वागत किया गया। इस पर भी आचार्य प्रमोद कृष्णम ने लिखा कि ये नौबत आ गई अब, किसी कांग्रेसी को ही लड़ा देते।

ना नौ मन तेल होगा-ना राधा नाचेगी

इससे पहले भी आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कई ऐसे बयान दिए जो कांग्रेस से बिल्कुल अलग दिखते हैं। 12 जुलाई को भी उन्होंने यशवंत सिन्हा पर कटाक्ष किया था। दरअसल, सिन्हा ने कहा था कि राष्ट्रपति चुने जाने पर मैं संविधान के संरक्षक के रूप में कार्य करूंगा और सरकार को ऐसा कुछ भी करने से रोकूंगा, जिससे प्रजातंत्र का हनन हो-जैसे राज्य में चुनी हुई सरकार को गिराना।

सिन्हा के इस बयान पर प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि ना नौ मन तेल होगा-ना राधा नाचेगी।

नेशनल

जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल, 1 जून तक के लिए मिली अंतरिम जमानत

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा। केजरीवाल आज ही तिहाड़ से बाहर आएंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल पर चुनाव प्रचार को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ये आदेश पारित किया है। केजरीवाल को जमानत लोकसभा चुनाव के चलते दी गई है। हालांकि कोर्ट में ईडी ने इसका विरोध किया और कहा कि ये संवैधानिक अधिकार नहीं है।

अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से 5 जून तक की जमानत की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने कहा- “हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए। केजरीवाल को मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और गिरफ़्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी। अब 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 2 जून को अरविंद केजरीवाल सरेंडर करेंगे।”

बीते गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने केजरीवाल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। ईडी ने हलफनामे में कहा था कि चुनाव प्रचार करना कोई मौलिक अधिकार नहीं है। वहीं, दूसरी ओर ईडी के हलफनामे पर केजरीवाल की लीगल टीम ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हालांकि, ईडी की सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए अदालत ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है।

 

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