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पंजाब में ही छिपा है अमृतपाल, स्वर्ण मंदिर या दमदमा साहिब में सरेंडर की खबर
रिपोर्ट सतिंदर कुमार
चंडीगढ़। सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर आ रही है। ‘वारिस पंजाब दे’ का चीफ खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पंजाब में ही छुपा हुआ है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक वह अमृतसर में स्वर्ण मंदिर स्थित श्री अकाल तख्त साहिब में आकर सरेंडर कर सकता है। इसका इनपुट मिलते ही गोल्डन टेंपल समेत पूरे अमृतसर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पूरे शहर में नाकाबंदी कर गाड़ियों की तलाशी ली जा रही है।
एक और खबर के मुताबिक बठिंडा के तलवंडी साहिब स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब में भी अमृतपाल के सरेंडर करने का इनपुट मिला है। यहां भी नाकाबंदी कर दी है।
इससे पहले मंगलवार रात पुलिस को एक संदिग्ध इनोवा (PB10CK0527) की जानकारी मिली थी। यह फगवाड़ा से होशियारपुर जा रही थी। इसमें अमृतपाल और पपलप्रीत के सवार होने का पता चला। इसके बाद पंजाब पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस की टीम ने 37KM उसका पीछा दिया।
पुलिस के ऑपरेशन के बाद युवक गुरुद्वारे के पास इनोवा छोड़ फरार हो गए। जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। इसके बाद जालंधर, होशियारपुर और कपूरथला के 700 पुलिस कर्मचारियों ने रातभर होशियारपुर और फगवाड़ा में सर्च ऑपरेशन चलाया। हालांकि जांच में इनोवा का नंबर फर्जी निकला।
चैनल को इंटरव्यू देकर सरेंडर करना चाहता था अमृतपाल
सूत्रों के मुताबिक वह जालंधर में किसी विदेशी चैनल को इंटरव्यू देने आ रहा था। जिसमें अपनी पूरी बात रखने के बाद वह सरेंडर कर सकता था। इससे पहले ही पुलिस को उसकी भनक लग गई। हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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