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जुर्म

हिंसा पर उतरी ठाकरे की ‘सेना’, शिंदे के गुट के विधायक के घर तोड़फोड़

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मुंबई। महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान के पांचवे दिन उद्धव ठाकरे की शिवसेना हिंसा पर उतर आई है। ठाकरे की शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के गुट के विधायक तानाजी सावंत के घर पर तोड़फोड़ की है। इसी बीच शिंदे ने पत्र लिखकर कहा है कि विधायकों को अगर कुछ हुआ, तो उसके लिए उद्धव और आदित्य जिम्मेदार होंगे।

भाजपा करेगी सहयोगी दलों के साथ बैठक

दूसरी ओर भाजपा नेता व महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस भी सहयोगी दलों के साथ बैठक करके आगे की रणनीति तय करने वाले हैं। वे कुछ देर में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले से मुलाकात कर सकते हैं।

ठाणे में कानून-व्यवस्था कड़ी

एकनाथ शिंदे के गढ़ ठाणे में हिंसा और कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए 30 जून तक कानून-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। क्षेत्र में लाठी, हथियार, पोस्टर जलाना, पुतला जलाने पर रोक लगा दी गई है। इस दौरान नारे लगाने या स्पीकर पर गाने बजाने की भी अनुमति नहीं होगी।

शुक्रवार को शरद पवार से मिले थे उद्धव

उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार शाम शरद पवार के साथ दो घंटे मीटिंग की। इसके बाद उन्होंने शिवसेना के नगरसेवकों को संबोधित किया। ठाकरे ने कहा कि कुछ दिन पहले जब मुझे बगावत का शक हुआ तो मैंने एकनाथ शिंदे को फोन किया और कहा कि शिवसेना को आगे ले जाने का अपना कर्तव्य निभाओ, ऐसा करना सही नहीं है।

उन्होंने मुझसे कहा कि NCP-कांग्रेस हमें खत्म करने की कोशिश कर रही है और विधायक चाहते हैं कि हम BJP के साथ जाएं। मैंने उनसे कहा था कि जो विधायक ऐसा करना चाहते हैं उन्हें मेरे पास लाओ।

भाजपा, जिसने हमारी पार्टी, मेरे परिवार को बदनाम किया है, वही है जिसके साथ जाने की आप बात कर रहे हैं। ऐसा सवाल ही नहीं उठता।

विधायक अगर वहां जाना चाहते हैं तो वे सभी जा सकते हैं। मैं नहीं रोकूंगा। अगर कोई जाना चाहता है, चाहे वह विधायक हो या कोई और। आओ और हमें बताओ और फिर जाओ।

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उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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