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अन्तर्राष्ट्रीय

अफगानिस्तान में सरकारी कार्यालयों पर तालिबान का हमला

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काबुल| अफगानिस्तान के हेलमंड प्रांत में बुधवार को सरकारी कार्यालयों पर तालिबान के आतंकवादियों ने हमला कर दिया, जिसमें जान-माल के भारी नुकसान की आशंका है। हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है। समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, एक सूत्र ने बताया, “कुछ अज्ञात आतंकवादियों ने गेरेश्क जिले में प्रशासनिक कार्यालयों और पुलिस थाने के पास एक इमारत को कब्जे में लिया। आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी हुई। आतंकवादियों ने छोटे हथियारों और ग्रेनेड से इमारत पर हमला भी किया।”

जिले के गवर्नर मुहम्मद शरीफ ने कहा, “इस हमले में जान-माल के भारी नुकसान की आशंका है। अभी तक हमें किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं मिली है।”आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच लड़ाई के तुरंत बाद ही दुकानें बंद हो गईं और कई सड़कें सुनसान हो गईं।

सूत्र ने कहा, “आतकंवादियों ने जिले के बाहरी हिस्सों में सेना की कई सुरक्षा चौकियों पर भी हमला किया और जिले तथा इमारतों को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश की।”

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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