Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

जनता हुई खफा तो ‘शून्य’ में पहुंची सपा, एक भी नगर निगम में नहीं खुल सका पार्टी का खाता

Published

on

akhilesh yadav sad

Loading

लखनऊ, 13 मई। समाजवादी पार्टी और इसके मुखिया अखिलेश यादव के लिए उत्तर प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव बुरे स्वप्न की तरह रहे। सीएम योगी द्वारा यूपी के चहुंमुखी विकास के खिलाफ बयानबाजी और माफिया के समर्थन के चलते प्रदेश की जनता ऐसी खफा हुई कि उसने सपा को एक बार फिर ‘शून्य’ में पहुंचा दिया। पिछली बार की तरह इस बार भी समाजवादी पार्टी का नगर निगम चुनाव में खाता नहीं खुला।

पिछली बार जहां 16 में 14 सीटों पर भाजपा ने परचम लहराया था तो दो में बसपा को जीत मिली थी। वहीं इस बार सभी 17 नगर निगमों में भाजपा के मेयर होंगे, जबकि समाजवादी पार्टी हाथ मलते रह गई। इन नतीजों से स्पष्ट हो गया कि यूपी को सिर्फ योगी पर ही यकीन है। वहीं अखिलेश यादव और सपा को प्रदेश की जनता ने सिरे से नकार दिया।

10 नगर निगमों में भाजपा से सीधे मिली शिकस्त

शनिवार को नगरीय निकाय के चुनावों के नतीजों में समाजवादी पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया। प्रदेश के सभी नगर निगमों पर भाजपा का कब्जा हो गया। ऐसा माना जा रहा था कि इन चुनावों में भाजपा को सपा से कड़ी टक्कर मिलेगी, लेकिन कुछ एक जगह छोड़कर सपा कहीं टक्कर में नहीं दिखी।

सीएम योगी के विकास के बूते चुनावों में मजबूती से उतरी भाजपा को शुरुआत में आगरा में बसपा के सामने थोड़ी मुश्किल जरूर हुई, लेकिन वहां भी अंत में भाजपा बढ़त बनाने में कामयाब रही। नतीजों पर निगाह डालें तो 17 में से 10 स्थानों पर भाजपा ने सीधे सपा को शिकस्त दी, जबकि बाकी 7 स्थानों पर सपा तीसरे और चौथे नंबर पर नजर आई। हालत ये रही कि कई सीटों पर तो सपा के प्रत्याशी निर्दलीयों से भी पीछे रहे।

2017 में भी मिली थी करारी हार

2017 में समाजवादी पार्टी ने सभी 16 नगर निगमों में अपने प्रत्याशी उतारे थे। लेकिन एक भी जगह पार्टी खाता खोलने में नाकाम रही। भाजपा ने जो दो सीटें गंवाई, वहां भी उसे सपा नहीं, बल्कि बसपा के हाथों हार मिली। ये सीटें मेरठ और अलीगढ़ थीं। हालांकि, इस बार भाजपा ने इन सीटों पर भी कब्जा जमा लिया। 2017 में समाजवादी पार्टी का हाल ये था कि महज तीन सीटों पर ही उसके प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे थे, बाकी सभी सपा प्रत्याशी तीसरे या चौथे स्थान पर रहे थे।

सपा ने 2017 से नहीं लिया सबक

2017 में नगर निगम के चुनाव में करारी हार के बावजूद समाजवादी पार्टी ने सबक नहीं लिया। ऐसा लगा मानो सपा ने पहले ही हार स्वीकार कर ली। एक तरफ जहां सीएम योगी ने निकाय चुनावों में पूरी ताकत झोंक दी,तो वहीं समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव शुभ मुहूर्त का इंतजार करते रहे। वह जब चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतरे तब तक सपा का किला ढह चुका था।

न अखिलेश की चुनावी रैलियों का कोई असर दिखा और न ही डिंपल यादव के रोड शो का। बल्कि जहां-जहां अखिलेश और डिंपल ने प्रचार किया, वहां सपा को और भी करारी हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा योगी सरकार द्वारा प्रदेश में बड़े पैमाने पर किए गए विकास कार्यों का मजाक उड़ाना, उन्हें अपना बताना और माफिया के प्रति सॉफ्ट रुख दिखाना भी अखिलेश को महंगा पड़ा। अखिलेश के इन कृत्यों के चलते प्रदेश की जनता ने उन्हें पूरी तरह नकार दिया।

उत्तर प्रदेश

यूपी के जौनपुर में बीजेपी नेता व पत्रकार की गोली मारकर हत्या

Published

on

Loading

जौनपुर। यूपी के जौनपुर में भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक का नाम आशुतोष श्रीवास्तव है। वो भाजपा के सक्रिय सदस्य होने के साथ ही सुदर्शन न्यूज के पत्रकार थे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आशुतोष श्रीवास्तव सुबह बाइक से प्रचार के लिए निकले थे। सुबह करीब नौ बजे एक अज्ञात बाइक सवार ने उन्‍हें रोका और चार अन्य लोग भी वहां आ गए। उन्होंने भाजपा नेता पर ताबड़तोड़ गोलीबारी कर दी। आशुतोष को शाहगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

घटना के बाद शाहगंज विधायक रमेश सिंह और अन्य भाजपा नेता भी वहां पहुंच रहेे हैं। क्षेत्राधिकारी अजीत सिंह चौहान ने बताया कि हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।

 

Continue Reading

Trending