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अखिलेश यादव के 300 यूनिट बिजली फ्री देने का वादा सिर्फ एक जुमलाः श्रीकांत शर्मा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के 300 यूनिट बिजली फ्री देने के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा जो अपने राज में महज़ चार वीआईपी जिलों को बिजली पहुंचाते थे वो क्या यूपी में फ्री बिजली देने की बात कर रहे हैं।
उर्जा मंत्री ने आगे सपा पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि 2017 से पहले गरीबों को ना आवास मिल पाते थे..ना बिजली मिलती थी..सपा सरकार को इसको लेकर पहले जवाब देना चाहिए कि आखिर ये पैसा कहां जाता था..? उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने बिजली के 1.41 करोड़ मुफ्त कनेक्शन दिये और गांव गांव में रोशनी पहुंचायी।
उन्होने आगे वार करते हुए कहा कि अखिलेश जी आप खुद पांच साल सत्ता में रहे आपने कितनी बिजली दी ये उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ जनता भली भांति जानती है।आपकी सरकार में भ्रष्टाचार होता था, कमीशन तय होता था और गांवों में अंधेरा रहता था… हमारी सरकार सरकार ने कोशिश की और हर गरीब के घर बिजली पहुंचाने का काम किया । यही कारण है कि आज गांवो में अठ्ठारह घंटे, तहसील में बीस घंटे और शहर में चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है।
आपने हमेशा जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति की है जिसको जनता समझ चुकी है..ये जनता आपके झांसे में नहीं आएगी और वही जनता 10 मार्च को आपको जवाब देगी। ज्ञातव्य है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आज एक प्रेस कांफ्रेस में 300 यूनिट फ्री बिजली देने की बात की जिसका मखौल उड़ाते हुए श्रीकांत शर्मा नें ये बातें कहीं।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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