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Shraddha Walker Murder: पहले भी श्रद्धा की जान लेने की कोशिश कर चुका था आफताब
नई दिल्ली। दिल्ली के श्रद्धा वाकर हत्या (Shraddha Walker Murder) मामले में पुलिस रोज नए खुलासे कर रही है। गुरुवार को साकेत कोर्ट ने पुलिस को हत्याकांड के आरोपी आफताब की पांच दिन की रिमांड सौंप दी। हालांकि आफताब बार-बार अपने बयान बदल रहा है। अब कोर्ट ने पुलिस को आरोपी का नार्को टेस्ट कराने के लिए मंजूरी दे दी है।
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पहले भी की थी श्रद्धा की जान लेने की कोशिश
इसी क्रम में जानकारी मिली है कि आरोपी आफताब अमीन पूनावाला पहले भी श्रद्धा की जान लेने की कोशिश कर चुका था। 23 नवंबर 2020 को महाराष्ट्र में ही उसने श्रद्धा की जान लेने की कोशिश की थी। इसके बाद श्रद्धा ने अपने दोस्तों के साथ जाकर नालासोपारा थाने में उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि आफताब ने आत्महत्या की धमकी दे दी, जिसके बाद श्रद्धा ने उसे माफ कर दिया था।
विरार के नालासोपारा स्थित ओजोन मल्टीस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में श्रद्धा ने 2020 में इलाज कराया था। डॉ. एसपी शिंदे ने बताया, कंधों और पीठ में तेज दर्द के बाद श्रद्धा यहां भर्ती हुई थी। उसने हालांकि कारण नहीं बताया। बहुत ज्यादा चोट नहीं थी। उसके साथ आफताब भी था। श्रद्धा के परिवार से कोई नहीं आया था।
दिल्ली पुलिस की अहम बैठक जारी
श्रद्धा हत्याकांड को लेकर दिल्ली पुलिस की महत्वपूर्ण बैठक जारी है। संयुक्त पुलिस आयुक्त मीनू चौधरी दक्षिणी दिल्ली के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक ले रही हैं। मामले में अब तक बरामद किए गए सबूतों को लेकर कानूनी सलाह भी ली जा रही है।
दिल्ली पुलिस आरोपी को लेकर गुरुग्राम स्थित उसी घर में भी पहुंची, जहां रहकर वर्क फ्रॉम होम से काम कर रहा था। दिल्ली पुलिस के खुलासे के बाद कंपनी ने मेल जारी कर आफताब को नौकरी से निकाल दिया है।
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नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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