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अन्तर्राष्ट्रीय

खालिस्तान समर्थकों की शर्मनाक हरकत: अमेरिका में भगवंत मान की बेटी से किया गाली-गलौज

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Shameful act of Khalistan supporters

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वाशिंगटन। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की पूर्व पत्नी ने फेसबुक के जरिए बताया कि खालिस्तान समर्थकों ने गुरुद्वारा में उनके बच्चों के घेराव का प्रस्ताव पास किया है। मान के दोनों बच्चे सीरत कौर मान और दिलशान मान अपनी मां के साथ अमेरिका में रहते हैं।

भारत के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे खालिस्तान समर्थक अमेरिका में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के बच्चों का घेराव करने और उन्हें परेशान करने की योजना बना रहे हैं। यह भी खुलासा हुआ है कि खालिस्तान समर्थक अब शर्मनाक हरकतों पर उतर आए हैं।

इन्होंने पंजाब सीएम भगवंत मान की बेटी सीरत कौर को फोन पर न सिर्फ धमकी दी बल्कि गाली-गलौज भी की है। यह खुलासा भगवंत मान की पूर्व पत्नी इंदरप्रीत कौर ने फेसबुक के जरिये किया है। पटियाला के एक वकील ने अपने फेसबुक अकाउंट पर सीरत कौर को खालिस्तान समर्थकों द्वारा धमकाने और अपशब्द कहे जाने संबंधी पोस्ट शेयर की।

भगवंत मान की पूर्व पत्नी ने खुलासा किया कि अमेरिका के एक गुरुद्वारे में इस संबंध में प्रस्ताव भी पारित किया गया है। प्रस्ताव में भगवंत मान के दोनों बच्चों का घेराव करने को कहा गया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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