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SC ने तलब की CEC की नियुक्ति संबंधी फाइल, आज पेश करने का निर्देश
नई दिल्ली। चुनाव आयुक्तों और मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की नियुक्ति पर संविधान पीठ की सुनवाई के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से अरुण गोयल के चुनाव आयुक्त पद पर नियुक्ति से जुड़ी मूल फाइल तलब कर ली है। शीर्ष अदालत ने कहा, हम देखना चाहते हैं कि गोयल की नियुक्ति में कौनसी प्रक्रिया अपनाई गई? इसमें कहीं कुछ गड़बड़ी तो नहीं हुई? कोर्ट ने आज (बृहस्पतिवार) फाइल पेश करने के लिए कहा है।
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जस्टिस केएम जोसेफ की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश अटार्नी जनरल (AG) आर वेंकटरमणी से कहा, हम देखना चाहते हैं कि नियुक्ति कैसे हुई? किस प्रक्रिया का पालन किया गया। कुछ ऐसा-वैसा तो नहीं हुआ है, क्योंकि गोयल ने हाल ही में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। नियुक्ति कानूनन सही है, तो घबराने की जरूरत नहीं है।
पीठ ने कहा, यह विरोधात्मक कदम नहीं है, हम इसे सिर्फ रिकॉर्ड के लिए रखेंगे पर, हम जानना चाहते हैं कि आपका दावा सही है या नहीं। चूंकि हम 17 नवंबर से सुनवाई कर रहे हैं, नियुक्ति बीच में 19 नवंबर को की गई, यह आपस में जुड़ा हो सकता है। इस दौरान नियुक्ति न की जाती, तो उचित होता। जस्टिस जोसेफ ने कहा, कोर्ट जानना चाहता है कि इस नियुक्ति के लिए किसने प्रेरित किया था।
अटॉर्नी जनरल वेंकटरमणी ने जोर देकर कहा, अदालत को बड़े मुद्दे पर गौर करना चाहिए लेकिन पीठ ने कहा, वह नियुक्ति से जुड़ी फाइल देखना चाहती है। दरअसल, याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि संविधान पीठ ने पिछले हफ्ते बृहस्पतिवार को सुनवाई शुरू की थी। इसके बाद आनन-फानन अरुण गोयल को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया।
ऐसा मुख्य चुनाव आयुक्त हो, जो पीएम के खिलाफ भी कार्रवाई कर सके
पीठ ने कहा ऐसे मुख्य चुनाव आयुक्त की जरूरत है, जो प्रधानमंत्री पर भी कुछ आरोप लगने पर उनके खिलाफ कार्रवाई कर सके। इस पद की परामर्श प्रक्रिया में मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) को शामिल करने से चुनाव पैनल की स्वतंत्रता सुनिश्चित होगी। केंद्र में कोई भी सत्ताधारी पार्टी खुद को सत्ता में बनाए रखना चाहती है और मौजूदा व्यवस्था के तहत पद पर ‘यस मैन’ नियुक्त कर सकती है।
जवाब में AG ने कहा चुनाव आयोग (चुनाव आयुक्तों की सेवा शर्तों और कामकाज) अधिनियम, 1991 चुनाव आयुक्तों के वेतन और कार्यकाल की स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है। अभी ऐसा कोई ‘ट्रिगर पॉइंट’ नहीं है कि अदालत को मामले में हस्तक्षेप करना पड़े। कानून कहता है, चुनाव आयुक्तों में से ही सबसे वरिष्ठ को सीईसी नियुक्त किया जाएगा। चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति केंद्र स्तर पर सचिव और राज्य स्तर पर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों की होती है।
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पीएम मोदी ने शिमला में जनसभा को किया संबोधित, कहा- कांग्रेस और इंडी गठबंधन स्वार्थी और अवसरवादी
शिमला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को को हिमाचल प्रदेश के शिमला में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत भारत माता की जय से की। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे अपने घर आया हूं। पीएम मोदी ने कहा कि हिमाचल के लोग मजबूत व ताकतवर सरकार का महत्व जानते हैं। मोदी आपके लिए जान की बाजी लगा देगा, लेकिन संकट नहीं आने देगा। कांग्रेस की कमजोर सरकार दुनिया में सुरक्षा के लिए गुहार लगाती फिरती थी, लेकिन अब भारत घर में घुसकर मारता है। हिमाचल के ऊंचे पहाड़ों ने मुझे अपना हाैसला बुलंद रखना सिखाया है। बफीर्ली पहाड़ियों ने ठंडे दिमाग से काम करना सिखाया है। मैं मां भारती का अपमान नहीं सह सकता। कांग्रेस मां भारती के अपमान से भी बाज नहीं आती। कांग्रेस ने भारत की सीमाओं को अपने हाल पर छोड़ दिया था। ऐसी डरपोक सोच मोदी के मिजाज के साथ मेल नहीं खाती।
पीएम मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई भी कहते थे कि हिमाचल उनका घर है। क्योंकि उन्होंने भी यहीं पढ़ाई की थी। पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं आपके पास तीसरी बार भाजपा सरकार के लिए आशीर्वाद मांगने आया हूं। पीएम ने कहा कि ये आशीर्वाद मुझे मेरे लिए, मेरे परिवार या मेरी जाति बिरादरी के लिए नहीं चाहिए। ये आशीर्वाद मुझे ताकतवर भारत, विकसित भारत और विकसित हिमाचल बनाने के लिए चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि 5 चरणों के चुनाव समाप्त हो चुके है और देश में मोदी सरकार की वापसी पक्की हो चुकी है। इस बार हिमाचल 4-0 कर के हैट्रिक लगाएगा। पीएम ने कहा कि हम देवभूमि के लोग हैं। हम अपना वोट कैसे बर्बाद कर सकते हैं। पीएम ने कहा कि फिर एक बार मोदी सरकार।
पीएम मोदी ने कहा कि हिमाचल सीमा से सटा राज्य है और यहां के लोग एक मजबूत सरकार का मतलब जानते हैं। मोदी अपनी जान की बाजी लगा देगा लेकिन आप पर कभी संकट नहीं आने देगा। पीएम मोदी ने कहा कि लोगों ने कांग्रेस की सरकार देखी है जब एक कमजोर सरकार हुआ करती थी। तब पाकिस्तान हमारे सिर पर चढ़कर नाचता था। भारत सरकार दुनिया में गुहार लगाती फिरती थी। मोदी ने कहा कि भारत अब दुनिया के सामने भीख नहीं मांगेगा और अपनी लड़ाई खुद लड़ेगा। और फिर भारत ने घर में घुसकर मारा। आज देखिए पाकिस्तान की हालत क्या हो गई है।
पीएम मोदी ने कहा कि हिमाचल के पहाड़ों ने उन्हें हौसला रखना सिखाया है और यहां की बर्फ ने मुझे ठंडे दिमाग से सोचना सिखाया है। पीएम मोदी ने कहा कि मैं मां भारती का अपमान नहीं सह सकता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को भारत माता की जय और वंदे मातरम से समस्या है। ऐसी कांग्रेस देश का भला नहीं कर सकती। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में बॉर्डर पर सड़के नहीं बनती थी। कांग्रेस डर जाती थी कि उसी सड़क से दुश्मन अंदर आ जाएगा। ऐसी डरपोक सोच मोदी के दिमाग से मेल नहीं खाती। मोदी ने कांग्रेस के मुकाबले कहीं ज्यादा पैसे दिए और कहा कि बॉर्डर किनारे सड़कें और इंफ्रास्ट्रक्टर बनाओ।
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने 4 दशक तक फौजी परिवारों को वन रैंक वन पेंशन के लिए तरसाया और पूर्व सैनिकों की आंखों में धूल झोंकी। मैंने 2013 में पूर्व सैनिकों के सामने गारंटी दी थी कि वन रैंक वन पेंशन लागू होगा। इसके बाद कांग्रेस ने 500 करोड़ रुपये का टोकन डालकर कह दिया कि हम भी वन रैंक वन पेंशन लागू करेंगे जो कि फौजियों के साथ एक मजाक था। मोदी ने जब वन रैंक वन पेंशन लागू करवाया तब से फौजियों को भाजपा सरकार सवा लाख करोड़ रुपये दे चुकी है।
पीएम मोदी ने कहा कि एक ओर मोदी की गारंटी और दूसरी ओर कांग्रेस का बर्बादी का मॉडल। कांग्रेस ने राज्य की सत्ता पाने के लिए खूब झूठ बोला। पहली कैबिनेट के को लेकर कई वादे कर लिए। पहली कैबिनेट में कुछ हुआ नहीं और कैबिनेट ही टूट फूट गई। कांग्रेस ने कहा था कि आपको 1500 रुपये देगी लेकिन नहीं आया। कांग्रेस ने गोबर का पैसा देने का वादा किया और नहीं दिया। पहली कैबिनेट में एक लाख नौकरी मिलनी थी वो नहीं मिली। रैली में आई जनता ने पीएम मोदी की हां में हां मिलाया। पीएम ने कहा कि हिमाचल में तालाबाज सरकार है जिसने नौकरी के आयोग पर ही ताला लगा दिया।
पीएम ने कहा कि मैं 30 साल से हिमाचल में आता रहा हूं। पीएम बनने से अब तक शायद ही कोई ऐसा साल रहा हो जब यहां कि मिट्टी को सिर से लगाने के लिए नहीं आया। पीएम ने कहा कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन स्वार्थी और अवसरवादी है। इनमें तीन चीजें समान मिलेंगी- ये घोर सांप्रदायिक हैं, ये घोर जातिवादी हैं और ये घोर परिवारवादी हैं। 60 साल तक कांग्रेस ने सोचा ही नहीं कि सामान्य वर्ग के लोग भी गरीब हो सकते हैं। उन्हें भी आरक्षण की जरूरत है। मोदी ने उनके गरीब बच्चों के लिए 10 फीसदी आरक्षण दिया और देश में कोई झगड़ा नहीं हुआ। ये आरक्षण किसी का हक मारकर नहीं दिया गया।
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