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ममता सरकार ने शारदा घोटाले से जनता को लूटा : राहुल
कोलकाता| कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर तीखा प्रहार किया। राहुल ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने ‘शारदा चिटफंड घोटाले’ के जरिए जनता का पैसा और उनकी बचत लूट ली है। राहुल ने हावड़ा जिले में एक चुनावी सभा में कहा, “सरकार का काम आपको स्वास्थ्य, शिक्षा और नौकरियां मुहैया कराना है, सरकार ने यह नहीं किया। लेकिन इस सरकार ने शारदा चिटफंड घोटाले के जरिए आपका सारा पैसा, आपकी सारी बचत लूट ली।”
राहुल ने ममता सरकार पर आरोप लगाया कि वह राज्य में नौकरियों का सृजन करने में नाकाम रही है।
राहुल ने कहा, “पहले लोग नौकरियां ढूंढ़ने के लिए बंगाल आते थे, लेकिन अब वे इसके लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं, क्योंकि सभी को पता चल चुका है कि ममता सरकार राज्य में नौकरियां मुहैया नहीं करा सकती।”
राहुल ने चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा, “यहां ममता जी झूठे वादे करती हैं और वहां (दिल्ली) मोदी जी भी यही करते हैं।”
उन्होंने जनसभा में उपस्थित लोगों से कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आएगी तो राज्य में लोगों को नौकरियां देना उसकी प्राथमिकता होगी।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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