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अन्तर्राष्ट्रीय

रूस ने दागीं 75 मिसाइलें, पुतिन के करीबी कमांडर सुरोविकिन को मिली कमान

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रूस

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मास्को/ कीव। रूस और यूक्रेन के बीच बीते 8 महीनों से चल रहे युद्ध में एक बार फिर तेजी आ गई है। रविवार को यूक्रेन की ओर से क्रीमिया को जोड़ने वाले एक बड़े पुल को हमला कर उड़ा दिया गया था। इस हमले को रूस ने आतंकी हरकत बताया था और अंजाम भुगतने की धमकी दी थी।

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इसके बाद रूस ने सीधे यूक्रेन की राजधानी कीव समेत लावरोव, खारकीव जैसे शहरों पर भी हमला करना शुरू कर दिया है। रूस की ओर से 75 मिसाइलें दागी गई हैं और यूक्रेन के पावर स्टेशनों को भी हमला बनाया गया है। यह हमले व्लादिमीर पुतिन के करीबी जनरल सेरगेई सुरोविकिन को यूक्रेन युद्ध का नेतृत्व सौंपे जाने के बाद तेज हुए हैं।

कौन हैं सुरोविकिन?

इससे पहले शनिवार को ही व्लादिमीर पुतिन ने दो सीनियर रूसी कमांडरों को हटा दिया था। इसके पीछे यह वजह बताई गई थी कि कई इलाकों में यूक्रेन ने आक्रामक अटैक किए हैं और रूस को बैकफुट पर आना पड़ा है।

सुरोविकिन को लेकर कहा जाता है कि वह वारफ्रंट और हवाई हमलों के माहिर हैं। इसीलिए व्लादिमीर पुतिन ने उन्हें यह अहम जिम्मा दिया है। 1966 में साइबेरिया के नोवोसिबिर्स्क में जन्मे सुरोविकिन ने 2017 में सीरिया के मिशन पर बड़ा काम किया था। उन्होंने वहां रूसी सेना के हवाई हमलों के मिशन की जिम्मेदारी उठाई थी।

दो बार जाना पड़ा था जेल, हैं पुतिन के करीबी

सुरोविकिन को कड़े फैसले लेने वाले मिलिट्री अफसरों में गिना जाता है। सुरोविकिन को दो बार जेल भी जाना पड़ा था। इसकी वजह यह थी कि 1991 में उनके मातहत काम करने वाले सैनिकों ने मॉस्को की सड़कों पर प्रदर्शन करने वाले तीन लोगों को गोली मार दी थी और उनकी मौत हो गई थी।

इसके चलते उन्हें 6 महीने के लिए जेल जाना पड़ा था। इसके बाद उन्हें हथियारों के अवैध कारोबार को लेकर भी सजा हुई थी हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था। सीरिया के अलेप्पो शहर में भीषण बमबारी करने में उनकी ही अहम भूमिका थी।

हवाई हमलों के एक्सपर्ट माने जाते हैं सुरोविकिन

सीरिया में हुए गृह युद्ध रूस ने दखल दिया था और राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थन में हवाई हमले किए गए थे। तब सुरोविकिन की काफी चर्चा हुई थी और रूस में उन्हें सबसे बेहतर सैन्य कमांडर करार दिया गया था। हवाई हमलों के एक्सपर्ट के तौर पर पहचान रखने वाले इन्हीं सुरोविकिन को अब पुतिन ने कमान सौंपी है और तब से ही यूक्रेन पर हमले तेज हो गए हैं।

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अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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