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क्रिकेट

हवा में ‘तलवार’ लहराकर रविंद्र जडेजा ने आलोचकों का मुंह किया बंद, जड़ी फिफ्टी

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Ravindra Jadeja waved the bat like a sword

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नागपुर। करियर पर बजती खतरे की घंटी के बीच रविंद्र जडेजा (66 नाबाद) ने इंटरनेशनल क्रिकेट में शानदार कमबैक करते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में पहले तो गेंदबाजी में पांच विकेट झटके और फिर बल्ले से शानदार अर्धशतक जड़ दिया।

अक्षर पटेल (52 नाबाद) के साथ मिलकर जडेजा ने आठवें विकेट के लिए 81 रन की साझेदारी की। इसी के बूते भारत दूसरे दिन स्टंप्स तक 321/7 का स्कोर बना लिया और मेहमानों पर 144 रन की लीड हासिल कर ली।

फिर लहराई मैदान पर ‘तलवार’

जब जडेजा पिच पर आए तब भारतीय टीम मुश्किल में थी। विपरित हालातों में लगाई गई ये फिफ्टी लंबे समय तक याद रखी जाएगी। इस उपलब्धि का जश्न जडेजा ने अपने सिग्नेचर स्टाइल यानी बल्ले को तलवार की तरह लहराकर किया।

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने तो रविंद्र जडेजा का मनोबल तोड़ने के लिए घिनौनी साजिश रची थी। बॉल टेंपरिंग का आरोप लगा दिया था, लेकिन सौराष्ट्र के इस खब्बू हरफनमौला प्लेयर ने सभी के मुंह पर ताला जड़ दिया।

अपने नाम किया बड़ा रिकॉर्ड

रविंद्र जडेजा ने नागपुर टेस्ट के दूसरे दिन 114 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया, इसी के साथ वह छह मौकों पर एक ही मैच में पांच विकेट लेने और अर्धशतक बनाने वाले भारतीय बन चुके हैं। इस लिस्ट में अश्विन भी जडेजा के साथ टॉप पर बने हुए हैं। पूर्व महान भारतीय बल्लेबाज कपिल देव ने चार बार ऐसा कारनामा किया था। जडेजा ने बोलिंग से 47 रन देकर पांच विकेट चटकाए और फिफ्टी ठोकी।

झेल नहीं पा रहे थे कंगारू

जिस समय स्टीव स्मिथ और मार्नस लाबुशेन के बीच 82 रनों की साझेदारी को तोड़ा। लाबुशेन (49) को आउट करने के बाद मैट रेनशॉ के विकेटों को लगातार गेंदों पर आउट किया। जडेजा ने स्टीव स्मिथ (37) और टॉड मर्फी (0) को भी चलता किया। 31 रन पर पीटर हैंड्सकॉम्ब को लेग ट्रैप करने के साथ ही वह टेस्ट क्रिकेट में पांचवां 5 विकेट हॉल गए। इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया 177 रन पर ढेर हो गया।

पांच महीने बाद वापसी

34 वर्षीय रविंद्र जडेजा को पिछले साल एशिया कप के दौरान घुटने में चोट लग गई थी और वह आईसीसी टी-20 विश्व कप से बाहर हो गए थे, क्योंकि उनकी सर्जरी हुई थी, जिससे उन्हें पांच महीने के लिए मैदान से बाहर रहना पड़ा था।

इस श्रृंखला से पहले फिटनेस टेस्ट पास करने के लिए उन्हें जनवरी में तमिलनाडु के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में सौराष्ट्र टीम में शामिल किया गया था, जहां उन्होंने दूसरी पारी में 53 रन देकर सात विकेट लिए थे।

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क्रिकेट

ईशान-श्रेयस को लेकर BCCI सख्त, रणजी खेलना किया अनिवार्य; फॉर्म में वापसी के बाद ही होगी एंट्री

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BCCI is strict regarding Ishan-Shreyas made it mandatory to play Ranji

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मुंबई। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और राष्ट्रीय चयनकर्ता ने इंग्लैंड सीरीज के लिए टीम इंडिया से बाहर चल रहे खिलाड़ियों को लेकर सख्त फैसला लिया है। बोर्ड ने भारतीय टीम से बाहर चल रहे खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी का अगला राउंड खेलने की सख्त हिदायत दी है।

बीसीसीआई ने खिलाड़ियों को 16 फरवरी से शुरू हो रहे अगले राउंड से पहले अपनी-अपनी रणजी टीम में शामिल होने को कहा है। यह फैसला तब लिया गया है जब ईशान किशन जैसे खिलाड़ी रणजी छोड़कर आईपीएल की तैयारियों में जुट गए हैं। वहीं, श्रेयस को भी टेस्ट टीम में वापसी के लिए रणजी में अच्छा प्रदर्शन करना होगा।

ईशान ने मानसिक स्वास्थ्य का हवाला दिया

ईशान ने मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देकर पिछले साल दिसंबर में दक्षिण अफ्रीका दौरे से नाम वापस ले लिया था। इसके बाद वह अफगानिस्तान के खिलाफ टी20 सीरीज भी नहीं खेले थे। उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भी टीम में शामिल नहीं किया गया।

भारत के कोच राहुल द्रविड़ ने कहा था कि ईशान को वापसी के लिए घरेलू स्तर पर कोई क्रिकेट खेलना होगा। हालांकि, इसके बावजूद उन्होंने रणजी ट्रॉफी नहीं खेली और अपनी टीम झारखंड से नहीं जुड़े और न ही उन्हें कोई जानकारी दी। कोच की सलाह को दरकिनार करते हुए ईशान बड़ौदा पहुंच गए और वहां हार्दिक पांड्या और क्रुणाल पांड्या के साथ प्रैक्टिस करते दिखे।

क्रुणाल और दीपक के लिए भी लागू नियम

बीसीसीआई की रणजी खेलने की सलाह सिर्फ ईशान और श्रेयस नहीं, बल्कि क्रुणाल और दीपक चाहर जैसे खिलाड़ियों पर भी लागू होगा, जो कि फिलहाल टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम मैनेजमेंट के प्लान में नहीं हैं। श्रेयस को खराब फॉर्म की वजह से उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी तीन मैचों से टीम से निकाल दिया गया। उन्हें भी अब यह फैसला मानना होगा।

BCCI के एक सूत्र ने क्रिकबज से कहा कि खिलाड़ी आईपीएल या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अपने मुताबिक नहीं चुन सकते। उन्होंने कहा, ‘सिर्फ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट या आईपीएल ही खेलना नहीं होता है। खिलाड़ियों को घरेलू सत्र और क्रिकेट का भी हिस्सा बनना पड़ेगा और अपने राज्य की टीमों को भी तरजीह देनी होगी।

हार्दिक पांड्या को अब तक नेशनल क्रिकेट एकेडमी की ओर से खेलने के लिए क्लीयरेंस नहीं मिली है। वहीं, विराट कोहली जो कि निजी कारणों से टीम से बाहर हैं, उन पर यह फैसला लागू नहीं होगा। वहीं, ईशान आईपीएल के इंतजार में बैठकर अपना समय बर्बाद कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने बोर्ड तक को यह नहीं बताया है कि वह कहां हैं और क्या कर रहे हैं।

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