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बिना बाधा के होंगे रामलला के दर्शन, भव्य राम मंदिर तक बेहतर रोड कनेक्टिविटी प्रदान करने जा रही योगी सरकार

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लखनऊ। रामनगरी अयोध्या कभी तंग सड़कों और बदहाल रास्तों के लिए जानी जाती थी, लेकिन जब से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके कायाकल्प का संकल्प लिया है तब से अयोध्या चमक रही है। अयोध्या के रास्ते चौड़े हो चुके हैं, आवागमन सुगम हो चुका है। यहां विकास की ऐसी झड़ी लगी है कि अयोध्या अलग रंग रूप में दिखाई देने लगी है। विदेश समेत देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले भक्तों के लिए प्रदेश सरकार ने शानदार कनेक्टिविटी प्रदान की और अब योगी सरकार का लक्ष्य यहां बन रहे भव्य राम मंदिर तक अलग-अलग स्थानों से डायरेक्ट रोड कनेक्टिविटी प्रदान करने का है। इसके तहत सरकार ने लगभग एक हजार करोड़ की परियोजनाओं को स्वीकृत किया है। इन परियोजनाओं में रोड कनेक्टिविटी के लिए भूमि अधिग्रहण, भवन और दुकान स्वामियों की पुनर्स्थापना एवं निर्माण शामिल है। इससे रामजन्मभूमि तक जाने वाले सभी रास्ते चौड़े किए जाएंगे और इनका सौंदर्यीकरण किया जाएगा, ताकि भगवान राम के बाल स्वरूप का दर्शन करने आने वाले भक्तों को राममय वातावरण प्रदान किया जा सके।

भूमि, भवन खरीद और पुर्नवास का काम 80 प्रतिशत पूरा

श्रद्धालुओं की सहूलियत का ध्यान रखते हुए सुग्रीव किले से श्रीराम जन्म भूमि मंदिर मार्ग तक लगभग आधा किमी (0.566 किमी) का फोर लेन तैयार किया जा रहा है, जिसका नाम जन्म भूमि पथ रखा गया है। इसके निर्माण में जमीन खरीदने से लेकर अन्य निर्माण में 83.33 करोड़ का खर्च आ रहा है, जिसको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक में हरी झंडी दे दी है। वहीं जमीन खरीदने के लिए 3.90 करोड़ और निर्माण कार्य के लिए 27.17 करोड़ की धनराशि जारी की जा चुकी है। वर्तमान में 39 प्रतिशत काम हो चुका है, जिसमें जल निगम की ओर से सीवर-वाटर सप्लाई के लिए पाईप लाइन का काम तेजी से चल रहा है। वहीं आरसीसी नाली और यूटीलिटी डक्ट का काम भी हो रहा है। इसी तरह श्रृंगार हाट से श्री राम जन्म भूमि मंदिर मार्ग तक .742 किमी का फोर लेन तैयार किया जा रहा है। इसका मार्ग का नाम भक्ति पथ रखा गया है। इसके चौड़ीकरण के लिए जमीन खरीदने समेत अन्य निर्माण कार्य के लिए 62.79 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है, जिसके सापेक्ष 32.10 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की जा चुकी है। ऐसे में निर्माण मार्ग में आने वाली 350 दुकानों का मुआवजा दिया जा चुका है। वहीं चौड़ीकरण के लिए 290 दुकानों को ध्वस्त किया जा चुका है शेष पर कार्रवाई चल रही है। यह मार्ग 13 मीटर चौड़ा किया जा रहा है, जिसमें 5.50 मीटर चौड़ाई सीसी रोड की भी शामिल है।

राम पथ के नाम से जाना जाएगा सहादतगंज से नया घाट मार्ग

राम भक्तों को श्रीराम जन्म भूमि मंदिर तक पहुंचाने में किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए सहादतगंज से नया घाट मार्ग 12.940 किमी का फोर लेन तैयार किया जा रहा है, जिसका नाम राम पथ रखा गया है। इस मार्ग के चौड़ीकरण में जमीन खरीदने से लेकर अन्य निर्माण कार्य के लिए 797.69 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है, जिसके सापेक्ष 290 करोड़ की धनराशि जारी की जा चुकी है। राम पथ के लिए 40765 वर्ग मीटर भूमि की जरूरत है, जिसके मुकाबले 4773 वर्ग मीटर भूमि का अर्जन कर लिया गया है।

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नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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