अन्तर्राष्ट्रीय
विदेशी धरती से फिर राहुल गांधी का विवादित बयान, कहा- भारत में लोकतंत्र खतरे में
लंदन। विदेशी धरती से एक बार फिर विवादित बयान देते हुए राहुल गांधी ने कहा भारत में लोकतंत्र खतरे में है। लंदन के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एमबीए के छात्रों को संबोधित करते हुए राहुल ने भारत सरकार पर खुद की जासूसी करवाने का आरोप लगाया।
राहुल ने कहा कि अफसरों ने उन्हें फोन पर संभलकर बात करने की सलाह दी थी। ये भी कहा कि भारत की सभी संस्थान सरकार के कब्जे में हैं। मीडिया और न्यायालयों पर भी सरकार का नियंत्रण है। लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
राहुल ने इसके पहले भी लंदन, जर्मनी, अमेरिका समेत कई देशों से भारत सरकार के खिलाफ बयान दे चुके हैं। 2022 में भी कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में अपने संबोधन के दौरान राहुल ने भारत की तुलना पाकिस्तान से कर दी थी। जिसके बाद यहां खूब विवाद हुआ था।
राहुल ने कैम्ब्रिज में क्या-क्या कहा?
राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज में बिजनेस स्कूल के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, ‘भारत में मीडिया और न्यायपालिका नियंत्रण में है। मेरे फोन में पेगासस सॉफ्टवेयर था, जिसके जरिए मेरी जासूसी होती थी। खुफिया अधिकारियों ने मुझे बताया कि आपका फोन रिकॉर्ड हो रहा है।
उन्होंने कहा विपक्ष के कई नेताओं पर झूठे केस किए गए। मेरे ऊपर कई आपराधिक मामले दर्ज कराए गए हैं। ऐसे मामलों में केस दर्ज हुए, जो बनता ही नहीं था। जिनका कोई मतलब भी नहीं बनता था। हम अपना बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं।’
राहुल गांधी के संबोधन का विषय ‘लर्निंग टू लिसेन इन 21 सेंचुरी’ था। इस दौरान उन्होंने कहा, हम ऐसी दुनिया बनते हुए नहीं देख सकते जो लोकतांत्रिक मूल्यों से जुड़ी हुई न हो। दुनिया में लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए नई सोच की जरूरत है।
राहुल ने कहा कि इसे किसी पर थोपा न जाए। उन्होंने भारत और अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक देशों में निर्माण क्षेत्र में गिरावट का जिक्र किया। कहा, इस बदलाव से बड़े पैमाने पर असमानता और आक्रोश सामने आया है, जिस पर तत्काल ध्यान देने और संवाद की जरूरत है।
भारत जोड़ा यात्रा की भी चर्चा
राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज में अपने संबोधन के दौरान भारत जोड़ो यात्रा को लेकर भी कई बातें कहीं। कश्मीर का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा, कश्मीर में कई सालों से हिंसाग्रस्त है। सुरक्षा अधिकारियों ने सुरक्षा को लेकर आगाह किया लेकिन जब हम आगे बढ़े तो हजारों लोग तिरंगा लेकर आगे आए।
एक व्यक्ति करीब आया उसने कुछ लड़कों की तरफ दिखा कर बताया कि वो उग्रवादी हैं। उन लड़कों ने मुझे घूर कर देखा लेकिन कुछ कर नहीं पाए। राहुल गांधी ने कहा कि यह लोगों की बात सुनने और अहिंसा की ताकत है।
अन्तर्राष्ट्रीय
इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।
बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।
बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।
ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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