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पीएम मोदी ने गोवा में 650 करोड़ की परियोजनाओं का किया उद्घाटन
पणजी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश की सेवा में लगभग 650 करोड़ रुपये की पांच बुनियादी ढांचा परियोजनाएं समर्पित कीं जिनमें अगुआड़ा जेल संग्रहालय, गोवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक, मोपा हवाई अड्डे पर एक विमानन कौशल विकास केंद्र और डाबोलिम-नावेलिम, मडगांव में एक गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन शामिल हैं। 19 दिसंबर, 1961 को पुर्तगाली शासन से राज्य की मुक्ति की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री गोवा में हैं।
स्वदेश दर्शन योजना के तहत विरासत पर्यटन स्थल के रूप में अगुआड़ा किला जेल संग्रहालय का पुनर्विकास 28 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है। गोवा की मुक्ति से पहले, किले का इस्तेमाल स्वतंत्रता सेनानियों को कैद करने और यातना देने के लिए किया जाता था। संग्रहालय गोवा की मुक्ति के लिए लड़ने वाले प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दिए गए योगदान और बलिदान को उजागर करेगा और यह उन्हें उचित श्रद्धांजलि होगी।
मोदी ने राज्य की शीर्ष चिकित्सा सुविधा, गोवा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक का भी उद्घाटन किया, जिसका निर्माण प्रधान मंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना योजना के तहत 380 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है।
अन्य परियोजनाओं में, जिनका प्रधान मंत्री ने उद्घाटन किया, उनमें लगभग 220 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित न्यू साउथ गोवा जिला अस्पताल, आगामी मोपा हवाई अड्डे पर लगभग 8.5 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित एविएशन स्किल डेवलपमेंट सेंटर, एक गैस शामिल है। विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार की एकीकृत विद्युत विकास योजना के तहत लगभग 16 करोड़ रुपये की लागत से डावोरलिम-नावेलिम, मडगांव में इंसुलेटेड सबस्टेशन का निर्माण किया गया है।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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