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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में विस्फोट में 14 मरे, राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ने निंदा की

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इस्लामाबाद/क्वेटा। पाकिस्तान के क्वेटा शहर में एक पोलियो केंद्र के पास बुधवार को एक विस्फोट हुआ, जिसमें 14 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई और दर्जन से अधिक अन्य लोग घायल हुए हैं। राष्ट्रपति ममनून हुसैन और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने विस्फोट की निंदा की। बलूचिस्तान के गृहमंत्री मीर सरफराज बुगती ने बताया कि विस्फोट में मारे गए लोगों में 13 पुलिसकर्मी थे, जबकि एक अर्धसैनिक फ्रंटियर कोर का जवान था। विस्फोट में 12 अन्य लोग घायल हुए हैं, जिसमें से सात गंभीर रूप से घायल हैं।

हालांकि, ताजा खबर से पता चला है कि इस विस्फोट में एक नागरिक की भी मौत हुई है और घायलों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है। विस्फोट के बाद बुगती ने संवाददाताओं को बताया, “निश्चित तौर पर इस विस्फोट को एक आत्मघाती हमलावर ने अंजाम दिया है।”बुगती ने कहा, “यह विस्फोट बलूचिस्तान की शांति भंग करने के लक्ष्य से किया गया। हम आतंकवादियों के आगे घुटने नहीं टेकेंगे।” क्वेटा के पुलिस उपमहानिरीक्षक सैयद इम्तियाज शाह ने कहा कि इस विस्फोट में सात से आठ किलोग्राम का विस्फोटक इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि इस विस्फोट में मारे गए लोगों को पोलियो कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था।

पीड़ितों में ज्यादातर पुलिस अधिकारी हैं और उन्हें क्वेटा के सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया है। क्वेटा में आपातकाल घोषित कर दिया गया है।  एक वरिष्ठ चिकित्सक रशीद जमाली ने ‘डॉन’ को बताया कि गंभीर रूप से घायल पांच पीड़ितों को क्वेटा के संयुक्त सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि उन्होंने इलाके में एक जोरदार विस्फोट और उसके बाद गोलियां चलने की आवाज भी सुनी। बचावकर्मी तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए।  सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली है। किसी भी संगठन ने अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।  पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस विस्फोट की निंदा की। नवाज ने अस्पताल प्रशासन को घायलों को हरसंभव चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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