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नेशनल

कोई कुछ भी कर ले, मैंने सिर झुकाकर चलना नहीं सीखा है: हेमंत सोरेन

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नई दिल्ली। सीएम चंपई सोरेन के लिए आज पांच फरवरी का दिन काफी अहम है। विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सीएम चंपई सोरेन की ओर से विश्वास मत पेश किया गया। मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने सदन में विश्वास मत का प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि कि हेमंत सोरेन ने पिछले चार वर्षों के कार्यकाल में बेहतर काम किया।

इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि 31 जनवरी की रात काली रात, देश के लोकतंत्र में नए तरीके से जुड़ा है। 31 जनवरी की रात को देश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री का या पूर्व मुख्यमंत्री का या किसी भी व्यक्ति के साथ राजभवन के अंदर गिरफ्तारी हुई है, मेरे संज्ञान में नहीं है। हेमंत सोरेन ने कहा कि ऐसी घटना मेरे संज्ञान में नहीं हैं। मुझे लगता है कि इस घटना को अंजाम देने में राजभवन भी शामिल रहा है।

हेमंत सोरेन ने कहा कि 50 एकड़ जमीन के गलत मामले में मुझे फंसाया गया. साबित कर दें तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा. कुछ भी कर लें सिर झुकाकर चलना नहीं सीखा है. आंसू नहीं बहाऊंगा, वक्त के लिए बचाकर रखूंगा. ये नहीं चाहते हैं कि आदिवासी आगे बढ़ें. मेरे हवाई जहास से चलने से. मेरे 5 स्टार होटल में रुकने से, BMW कार में चलने से, सत्ता में आने से इन्हें तकलीफ होती है.

झारखंड के पूर्व सीएम ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग आदिवासी दलितों से घृणा करते हैं. जंगल मे थे, इनको जंगल मे ही रहना चाहिए. हमें अछूत की तरह देखते हैं. हमने हार नही मानी है. हेमंत सोरेन ने कहा है कि सुनियोजित तरीके से पूरी पटकथा लिखी जा रही थी. धीमी आंच पर पकवान को पकाया जा रहा था. येन केन प्रकारेण मुझे अपनी गिरफ्तर में लिया है. देश के लोकतंत्र में 31 तारीख की रात काले अध्याय के रूप में जुड़ी है. देश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी हुई. इस घटना में राजभवन में भी शामिल रहा है.

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नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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