उत्तराखंड
चार धाम यात्रा का नया रूट बना धौंतरी-कमद-बूढ़ाकेदार मोटर मार्ग
बूढ़ाकेदार बाबा के दर्शन भी कर पायेंगे यात्री
उत्तरकाशी। चारधाम यात्रा पर आने वाले देश विदेश के यात्रियों के लिये खुश खबरी है कि इस बार उन्हें चारधाम के साथ ही बूढाकेदार के दर्शन भी आसानी से हो पायेंगे। पहले तीर्थ यात्रियों को जहां उत्तरकाशी से कोटालगांव चमियाला, घनसाली होते हुये बद्रीनाथ केदारनाथ धाम जाना पड़ता था, वहीं अब धौंतरी-कमद-अयांर खाल मोटर मार्ग के बनने पर तीर्थयात्री बूढाकेदार होते हुये दोनों धाम पंहुचेंगे। इससे उन्हें बूढाकेदार में बाबा के दर्शन भी सुलभ हो सकेंगे। इसके साथ इस मार्ग पर कमद से आगे की ठंडक भरी शांत वादियों और प्राकृतिक छटा से अभिभूत होने का मौका मिलेगा। हालांकि इस मार्ग पर अभी सुधारीकरण का कार्य चल रहा है, लेकिन छोटे वाहन इससे आने-जाने लगे है।
प्राकृतिक छटा का भी लुत्फ उठायेंगे यात्री
धार्मिक मान्यता के अनुसार चारधाम पर आने वाले देश विदेश के तीर्थयात्री सर्व प्रथम मां यमुना के दर्शन के लिये यमुनोत्री धाम पंहुचते हैं, तथा उसके बाद मां गंगा का गंगोत्री धाम में दर्शन करने के बाद बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के दर्शन कर अपनी यात्रा पूरी करते हैं। लेकिन इस बार लोनिव प्रांतीय खंड उत्तरकाशी ने वर्षों से निर्माणधीन धौंतरी-कमद अंयारखाल-बूढ़ाकेदार मोटर मार्ग की यात्रियों को नई सौगात दी है। इस मार्ग से यात्रा करने पर यात्रियों को जहां कम दूरी तय करनी पड़ेगी, वहीं बाबा बूढ़ाकेदार के दर्शन करने का भरपूर मौका मिलेगा।
गत वर्षों तक चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्री युमोत्री ओर गंगोत्री धाम के दर्शन करने के उपरांत लंबगांव, पिपलडाली मार्ग या फिर कोटालगांव केमुंडाखाल होते हुये चामियाला घनसाली होते हुये बद्रीनाथ व केदारनाथ पंहुचते थे, लेकिन अब अंयारखाल मोटर मार्ग से वह सीधे बूढ़ाकेदार में बाबा के दर्शन कर इन दोनों धामों का रुख करेंगे। हालांकि अभी मार्ग पर कार्य चलने से ज्यादातर यात्रियों को पुराने रूट से ही यात्रा करनी पडेगी। धौंतरी-कमद-अंयारखाल यात्रा रूट घनें बांझ बुरांश, मौरू सहित विभिन्न प्रजाति के जंगल के बीच बना हुआ है ,जिससे तीर्थ यात्रियों को जहां गर्मी की तपिस से ठंडक प्राप्त होगी, वहीं अपार प्राकृतिक छटा का लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा। धौंतरी-कमद-अयांरखाल मोटर मार्ग के निर्माण करने की वर्षाें से मांग चली आ रही थी, लेकिन मार्ग स्वीकृत होने पर भी इसका कार्य वर्षाें तक वन भूमि के आड़े आने पर कमद से आगे शुरू नहीं किया जा सका है। वन भूमि की स्वीकृति मिलने पर लोनिवि ने डेढ वर्ष पहले इसका कार्य शुरू किया है, जो अब लगभग अंतिम चरणों में चल रहा है। इस मार्ग के चैड़ीकरण व सुधारीकरण का कार्य धोंतरी से आठ किमी तक एडीबी कर रहा है, जबकि कमद से अंयारखाल तक लोनिवि प्रांतीय खंड उत्तरकाशी कर रहा है।
टिहरी जिले की सीमा में पड़ने वाले इस मार्ग पर पीएमजीएसवाई ने मेडगंाव तक डामरीकरण कर दिया है। यह मार्ग हालांकि टिहरी और उत्तरकाशी के बार्डर पर टिहरी की ओर से बहुत तेज ढाल के साथ निर्मित किया गया, जिसे विभाग की ओर से ठीक तो किया जा रहा है, लेकिन ढाल वाले स्थान को पार करने के लिये वाहनों को कुछ सावधानी बरतने की नितांत जरूरत हैं। वर्तमान समय में इस मार्ग पर हालांकि सुधारीकरण का कार्य चल रहा है, लेकिन आधा दर्जन मैक्स कंमाडर घनसाली व बूढाकेदार के लिये चलने लग गये है।
कुल मिलाकार धांेतरी अयांरखाल के बनने से यात्रियों को जहां अब कम दूरी तय करनी पड़ेगी,वहीं उन्हें ठंडक भरी व प्राकृतिक छटा वाली सड़क से आनंदमय सफर करने का मौका भी मिलेगा। हालांकि इस सड़क का कुछ हिस्सा अभी कच्चा है, जिससे यात्रियों को कुछ परेशानी अवश्य होगी, लेकिन दूरी कम होने पर वह अपने गंतव्य तक सही समय पर पंहुचने में सफल हो जायेंगे। लोनिवि के अधिशासी अभियंता अशोक कुमार चैहान का कहना है कि मार्ग पर जेसीबी लगाकर नाली निर्माण करते हुये पत्थर बिछाने का काम जारी है, ताकि वाहनों के टायरों से लीक न बन सके। अगले चरण में धन स्वीकृत होने पर डामरीकरण का कार्य किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अगले यात्रा काल में यह मार्ग तीर्थयात्रियों के लिये सुगम और सुलभ बना दिया जायेगा।
उत्तराखंड
चारधाम यात्रा में 31 मई तक VIP दर्शन पर रोक, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 19 मई तक बंद
हरिद्वार। अगर आप भी चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए काफी अहम है। चारधाम यात्रा में VIP दर्शन व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। लोग 31 मई तक VIP सिस्टम के तहत दर्शन नहीं कर पाएंगे। वहीं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी 19 मई तक बंद रहेंगे। खराब मौसम और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी। छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के लिए 25 अप्रैल से चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया और गुरुवार तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण हो गए।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पत्र जारी कर 31 मई तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। यह भी कहा है कि धामों में सुगम दर्शन के लिए सरकार ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया है। अब दर्शन उसी दिन होंगे जिस तिथि का पंजीकरण किया गया है। इससे पहले 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर 25 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पर रोके जाने का आदेश दिया था।
50 मीटर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध
उत्तराखंड सरकार ने भीड़ प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसमें 50 मीटर के दायरे में चारों धामों के मंदिर के परिसर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया लाइव आदि पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने कहा है कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनायी जाती है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है ।
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