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अन्तर्राष्ट्रीय

नाटो की सदस्यता का मामला: फिनलैंड और स्वीडन को रूस की चेतावनी

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पुतिन

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मास्को। फिनलैंड और स्वीडन के नाटो के सदस्य देश बनने के करीब पहुंचने से आगबबूला रूस ने चेतावनी देते हुए कहा कि उन्होंने नाटो से जुड़ने का ऐलान कर एक ‘बहुत बड़ी गलती’ कर दी।

बता दें कि यूक्रेन पर जारी रूसी हमले के बीच फिनलैंड की सरकार ने रविवार को नाटो का सदस्य बनने की अपनी चाहत का खुलेआम ऐलान कर दिया। इसके कुछ घंटों बाद स्वीडन की सत्ताधारी पार्टी ने भी नाटो सदस्यता के लिए एक योजना का समर्थन कर दिया।

रूस की चेतावनी, किसी भ्रम में न रहें फिनलैंड और स्वीडन

समाचार एजेंसियों ने बताया कि रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा कि फिनलैंड और स्वीडन ने नाटो सैन्य गठबंधन में शामिल होना एक गलती है जिसके दूरगामी परिणाम होंगे और वैश्विक स्थिति में आमूल-चूल परिवर्तन होगा।

इंटरफैक्स ने बताया कि रयाबकोव ने कहा कि फिनलैंड और स्वीडन को इस बात का कोई भ्रम नहीं होना चाहिए कि रूस उनके फैसले को आसानी से स्वीकार कर लेगा।

नाटो के अपनी सीमा के करीब पहुंचने को लेकर रूस का रुख लंबे समय से तल्ख रहा है। ऐसे में ताजा घटनाक्रम से मॉस्को को और गुस्सा आना तय है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही फिनलैंड के राष्ट्रपति को चेतावनी दे चुके हैं कि संबंध ‘नकारात्मक रूप से प्रभावित’होंगे।

नाटो ने नॉर्दन डिफेंस में फिनलैंड और स्वीडन को जोड़ने की तैयारी की

इधर नाटो ने भी फिनलैंड और स्वीडन को अपने साथ जोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने रविवार को बर्लिन में नाटो गठबंधन के 30 सदस्य देशों के शीर्ष राजनयिकों की बैठक के बाद कहा कि फिनलैंड और स्वीडन को सदस्य बनाने की प्रक्रिया बहुत तेज हो सकती है। फिनलैंड और स्वीडन नाटो के नॉर्दन डिफेंस का हिस्सा होंगे।

फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन ने सोमवार को सांसदों से कहा, नाटो सदस्यता के साथ “अगर हम पर हमला हुआ, तो हमें मदद मिलेगी। अगर किसी अन्य सदस्य राज्य पर हमला होता है, तो हम मदद करेंगे।

नाटो की सुरक्षा गारंटी फिनलैंड की सुरक्षा के निवारक प्रभाव को काफी बढ़ाएगी। नाटो के भीतर फिनलैंड के मुख्य कार्यों में से एक अपनी रक्षा सुनिश्चित करना होगा।”

 

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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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