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मोदी की ‘योग्‍यतम’ की तलाश नही हो रही है पूरी

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बिहार के चुनावों में नवंबर में मिली हार, पीएम नरेंद्र मोदी, कैबिनेट में बदलाव, अरुण जेटली, बीजेपी उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धि, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी

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अपनी कैबिनेट को अखिल भारतीय बनाना चाहते हैं पीएम

नई दिल्ली। बिहार के चुनावों में नवंबर में मिली हार के बाद से पीएम नरेंद्र मोदी अपने कैबिनेट में बदलाव करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें आसपास योग्य प्रतिभाएं नहीं मिल रही है। मोदी अपनी टीम में खराब प्रदर्शन करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाना चाहते हैं। बीजेपी के बड़े नेताओं और मोदी के एक करीबी सहयोगी ने कहा है कि पीएम कई मंत्रियों की जिम्मेदारी में बदलाव करना चाहते हैं। कहा जा रहा है कि नए साल में सरकार में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं, लेकिन मोदी की तलाश पूरी नहीं हो रही है। मोदी पर अपनी पार्टी के साथ ही सरकार की छवि बदलने का भी दबाव बढ़ रहा है। विकास और नौकरियों का वादा करके बहुमत से केंद्र में आई मोदी सरकार को सत्ता में दो साल पूरे होने वाले हैं। शहरी इलाकों में विकास दर और निवेश चरमरा रहा है और ग्रामीण इलाकों में दो बड़े सूखों से तनाव बढ़ा है।

मोदी के सहयोगी ने कहा है, ‘चुनौती ऐसे लोगों को चुनने की है, जो सुधार और नीतियों में मोदी के विकास के वादे पर काम कर सकें।’ अरुण जेटली को रक्षा मंत्रालय मिल सकता है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि मोदी को अपने विकास के वादे पर अमल करने के लिए अरुण जेटली की जगह पर लाने को कोई उपयुक्त शख्स नहीं मिल रहा है। हालांकि, मोदी के प्रवक्ता ने इस पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। जेटली के ऑफिस के एक अधिकारी ने कहा कि उन्हें इस बदलाव के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

सूत्रों का कहना है कि मोदी ऐसे बदलावों के फैसले अपने तक ही सीमित रखते हैं और इन मामलों में आखिरी फैसला भी उन्हीं का होता है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक अभी मोदी का इस पर अंतिम फैसला लेना बाकी है। पीएम के ही एक और करीबी ने कैबिनेट में बदलाव की किसी संभावना को खारिज किया है। उनका कहना है कि ये महज अफवाहें हैं। सरकार के सामने एक परेशानी यह है कि उसके पास योग्य उम्मीदवारों की कमी है। दूसरी बात यह है कि सरकार उदारवादी या लेफ्ट विचारधारा के लोगों से दूरी बनाए रखना चाहती है। कांग्रेस के दशकों लंबे शासनकाल की वजह से दक्षिणपंथी बौद्धिक वर्ग विकसित नहीं हो सका। बीजेपी उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धि ने कहा है, ‘कांग्रेस के मुकाबले हमारे पास छोटा टैलेंट पूल है, लेकिन यह कुछ समय की ही बात है। हम अपना बेस बढ़ा रहे हैं।’

सूत्रों का कहना है कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ टिप्पणी करने वाले जूनियर मंत्रियों में गिरिराज सिंह और निरंजन ज्योति से उनकी जिम्मेदारी वापस ली जा सकती है। कहा जा रहा है कि मोदी ऐसी टिप्पणियां करने के खिलाफ हैं। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सुषमा स्वराज ने अपना पोर्टफोलियो बदलने की मांग की है। वह विदेश के बजाए देश में ज्यादा ध्यान देना चाहती हैं। हालांकि, उनके मंत्रालय ने इस पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। सूत्रों के अनुसार परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को कृषि मंत्रालय के अतिरिक्त प्रभार का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन उन्होंने अपने पास काफी काम का हवाला देते हुए इसे लेने में असमर्थता जता दी। कहा जा रहा है कि मोदी साउथ और नॉर्थईस्ट के कम चर्चित चेहरों को सरकार में ले सकते हैं। मोदी के एक सहयोगी का कहना था कि इससे उनका मंत्रालय ‘अखिल भारतीय’ भी हो जाएगा।

नेशनल

‘जल्द करनी पड़ेगी शादी’, राहुल गांधी ने मंच से किया एलान

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रायबरेली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी चुनाव प्रचार के लिए आज रायबरेली पहुंचे। जहां उन्होंने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान राहुल गांधी से जनता में से किसी ने शादी को लेकर सवाल पूछा जिस पर राहुल गांधी ने कहा कि मेरी बहन प्रियंका गांधी मेरी मदद के लिए यहां अपना खून पसीना आपको दे रही है। जिस पर प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी से शादी के सवाल की तरफ इशारा करते हुए कहा कि पहले इस सवाल का जवाब दो। जिसके जवाब में मुस्कुराते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अब जल्द ही करनी पड़ेगी।

इस दौरान राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित बताया कि किस वजह से वो रायबरेली से चुनाव लड़ने आएं हैं। उन्होंने कहा, ‘कुछ दिन पहले मैं मां (सोनिया गांधी) के साथ बैठा था। मैंने मां से कहा कि एक-दो साल पहले मैंने एक वीडियो में कह दिया कि मेरी दो माता थी एक सोनिया गांधी और दूसरी इंदिरा गांधी। मेरी दोनों माताओं की ये कर्म भूमि है इसलिए मैं यहां रायबरेली से चुनाव लड़ने आया हूं।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि कांग्रेस की सरकार आते ही कर्जा माफ करना पहला काम होगा। दूसरा काम किसानो के लिए कानूनी सपोर्ट प्राइस लेके आयंगे। राहुल गांधी ने तीसरा काम गिनाते हुए कहा कि किसानो को 30 दिन के अंदर बीमा का पैसा देना तीसरा काम होगा।

राहुल गांधी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी के नेताओं ने साफ कहा की अगर चुनाव जीते तो संविधान को बदल देंगे। संविधान के बिना अडानी और अंबानी की सरकार होगी। आरक्षण और आपको जो भी चीजे मिलती है वो सब खत्म हो जाएंगी। राहुल गांधी ने आगे कहा कि संविधान खत्म होने से आपका रास्ता खत्म हो जाएगा. ये लड़ाई संविधान को बचाने की है।

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