मनोरंजन
प्रतिभा को सफलता के लिए समर्थन जरूरी : संगीतकार साजिद
मुंबई| बॉलीवुड के संगीतकार जोड़ी साजिद-वाजिद के साजिद का कहना है कि प्रतिभा जरूरी है, लेकिन उसे समर्थन मिलना भी उतना ही जरूरी है। साजिद आगामी रियलिटी टेलीविजन शो ‘सा रे गा मा पा’ में निर्णायक की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। संगीतकार से जब पूछा गया कि किसी व्यक्ति को सफलता हासिल करने के लिए केवल प्रतिभा ही काफी है या समर्थन भी जरूरी है तो उन्होंने आईएएनएस से कहा, “समर्थन भी उतना ही जरूरी होता है। बिना किसी समर्थन के कोई आगे नहीं बढ़ सक ता। हम सबके लिए यह जरूरी होता है।” साजिद-वाजिद का कहना है कि ‘सा रे गा मा पा’ में वे पूर्ण रूप से निष्पक्ष रहने की कोशिश करेंगे।
साजिद ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि निर्णायक के रूप में किसी प्रकार का दबाव रहता है, लेकिन निष्पक्ष बने रहना जरूरी है। अगर आप अपने लिए सच्चे हैं, तो बेहतर तरीके से निर्णय ले पाएंगे और पक्षपात नहीं करेंगे।” इस शो में साजिद-वाजिद के अलावा प्रीतम चक्रवर्ती और मीका सिंह भी निर्णायक के रूप में नजर आएंगे, जो प्रतिभागियों के कौशल को पहचानेंगे और उसे तराशेंगे। शो का प्रसारण 26 मार्च से शुरू होगा। इसके मेजबान आदित्य नारायण होंगे।
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हाईकोर्ट पहुंचे जैकी श्रॉफ, बिना इजाजत ‘भिडू’ बोला तो देना होगा 2 करोड़ जुर्माना
मुंबई। बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर जैकी श्रॉफ को आपने अक्सर ‘भिडू’ शब्द का प्रयोग करते सुना होगा। कई बार उनसे मुलाकात के दौरान उनके फैंस भी इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अब अगर आपने आगे से ऐसा किया तो आपको 2 करोड़ रु का जुर्माना देना पड़ सकता है। एक्टर ने ‘व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की सुरक्षा’ के तहत ‘भिडू’ शब्द के इस्तेमाल पर दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और कई संस्थानों के खिलाफ केस किया है।
यह मामला उन संगठनों के खिलाफ दायर किया गया है जो जैकी श्रॉफ का इस्तेमाल उनकी अनुमति के बिना व्यावसायिक लाभ के लिए कर रहे हैं। उम्मीद है कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुनाएगा ताकि अभिनेता के प्रचार अधिकारों की रक्षा की जा सके। मामले को कल 14 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
यह पहली बार नहीं है कि किसी बॉलीवुड अभिनेता ने गोपनीयता और प्रचार अधिकार के लिए अदालत से मदद मांगी है। इससे पहले दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने लोगों को अभिनेता की नकल करने और उनकी सहमति के बिना उनकी आवाज का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
दूसरी ओर पिछले साल अनिल कपूर ने भी अपने व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इसके अलावा, इस साल जनवरी में अनिल कपूर ने केस जीत लिया। इसमें उन्होंने ‘झकास’ शब्द वाला तकिया कलाम, अपने नाम, आवाज, बोलने के तरीके, छवि, समानता और हावभाव की सुरक्षा की मांग की थी। उनका कहना था कि इसका प्रयोग न किया जाए।
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