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मुख्य समाचार

तमिलनाडु : दलित की पीट-पीट कर हत्या

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तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले, दलित की पीट-पीट कर हत्या

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तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले, दलित की पीट-पीट कर हत्या

चेन्नई| तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले में एक व्यस्त सड़क पर कुछ अज्ञात लोगों ने रविवार को दिनदहाड़े एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी और उसकी पत्नी को गंभीर रूप से घायल कर दिया। सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहा है कि 23 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र वी. शंकर और 19 वर्षीया कौशल्या घूमते हुए बातचीत कर रहे थे। तभी अचानक बाइक पर सवार तीन व्यक्ति वहां आए और धारदार हथियारों से शंकर पर हमला कर दिया। उस पर हमला करने के बाद हमलावरों ने उसकी पत्नी के साथ भी मारपीट की। दलित समुदाय के शंकर और राजनैतिक रूप से शक्तिशाली थेवर जाति की कौशल्या की शादी आठ महीने पहले हुई थी। पुलिस के मुताबिक, कौशल्या का परिवार उसके जाति से बाहर विवाह करने से नाराज था। महिला के पिता ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है। उन्होंने हमले में शामिल होने से इनकार किया है।

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नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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