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महानतम मुक्केबाज मोहम्मद अली सुपुर्द-ए-खाक हुए, हजारों ने दी अंतिम विदाई

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महानतम मुक्केबाज मोहम्मद अली सुपुर्द-ए-खाक हुए, हजारों ने दी अंतिम विदाई

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महानतम मुक्केबाज मोहम्मद अली सुपुर्द-ए-खाक हुए, हजारों ने दी अंतिम विदाई

लुइसविले (केंटकी)| अमेरिका के केंटकी राज्य के लुइसविले में महानतम मुक्केबाज मोहम्मद अली को अंतिम विदाई देने शुक्रवार को हजारों लोगों का हुजूम उमड़ा। ‘सीएनएन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, मोहम्मद अली को लुइसविले के केव हिल कब्रिस्तान में दफनाया गया। इससे पहले उनकी शवयात्रा उन सभी स्थानों से होकर गुजरी, जो उनके जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते थे।

जैसे ही अली की शवयात्रा उनके प्रशंसकों के पास से गुजरी, वे भावुक हो गए। अली का पिछले शुक्रवार को 74 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। ‘बीबीसी’ की रिपोर्ट के मुताबिक, अली को अंतिम विदाई देने कई गणमान्य हस्तियां और हजारों की संख्या में लोग केएफसी यम! सेंटर में जुटे थे। यहां आने वालों को नि:शुल्क टिकट प्रदान किए गए थे।

अली की पत्नी ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, “मोहम्मद अली धर्म, विश्वास और अपने नाम को लेकर बेहद दृढ़ रहे, भले ही इसके लिए उन्हें कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़ी। वह चाहते थे कि युवा उनके जीवन को एक ऐसे साक्ष्य के रूप में देखें, जिससे उन्हें इसकी प्रेरणा मिले कि प्रतिकूल परिस्थितियां आपको मजबूत बनाती हैं। यह आपको सपने देखने और उन्हें पूरा करने से नहीं रोक सकती।”

पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने अली को ‘विश्वास से परिपूर्ण एक स्वतंत्र व्यक्ति’ बताया। राष्ट्रपति ओबामा अपनी बेटी मालिया की वाशिंगटन में हाईस्कूल ग्रैजुएशन कार्यक्रम की वजह से मोहम्मद अली के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके। 1942 में जन्मे अली इस्लाम कबूल करने से पहले ‘कैसियस क्ले’ के नाम से जाने जाते थे। उन्होंने 12 वर्ष की छोटी सी उम्र में मुक्केबाजी का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया था और छह साल बाद 1960 में रोम ओलम्पिक में स्वर्ण पदक हासिल किया था।

अली के नाम 56 जीतें और महज पांच हार दर्ज हैं, जिनमें से 37 नॉकआउट थीं। ‘द ग्रेटेस्ट’ के उपनाम से मशहूर अली पहले ऐसे मुक्केबाज हैं, जिन्हें विश्व की प्रसिद्ध मुक्केबाजी पत्रिका द रिंग ने पांच बार ‘फाइटर ऑफ द ईयर’ का नाम दिया था। वह तीन बार हैवीवेट चैम्पियन बनने वाले इकलौते मुक्केबाज भी हैं। उन्होंने 1964, 1974 और 1978 में ये खिताब हासिल किए थे।

वह 25 फरवरी से 19 सितंबर 1964 तक बिना किसी विवाद के हैवीवेट चैम्पियन रहे थे, जबकि एक खेल पत्रिका ने उन्हें ‘स्पोर्ट्समैन ऑफ द सेन्चुरी’ का खिताब दिया था। बीबीसी ने उन्हें ‘स्पोर्ट्स पर्सनलटी ऑफ द सेन्चुरी’ का खिताब दिया था।

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पाकिस्‍तानी अमेरिकी अरबपति साजिद तरार का बयान- मोदी फिर बनेंगे पीएम, उनके जैसे नेता की हमें भी जरुरत

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नई दिल्ली। पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी कारोबारी साजिद तरार ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक मजबूत नेता हैं जो भारत को नई ऊंचाइयों पर ले गए हैं और वह तीसरी बार देश के पीएम के रूप में लौटेंगे। साजिद तरार ने कहा कि मोदी न केवल भारत के लिए बल्कि क्षेत्र और दुनिया के लिए अच्छे हैं और उम्मीद है कि पाकिस्तान को भी उनके जैसा नेता मिलेगा।

पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी कारोबारी पीएम मोदी को दुनिया का मजबूत नेता बताया है। उन्होंने कहा कि मोदी न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया और दक्षिण एशिया के लिए अच्छे नेता हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि पाकिस्तान को भी उनके जैसा नेता मिलेगा। तरार ने कहा कि वह एक जन्मजात नेता हैं। वह एक ऐसे पीएम हैं जिन्होंने अपनी राजनीति को जोखिम में डालकर पाकिस्तान का दौरा किया। मैं उम्मीद करता हूं वे पाकिस्तान के साथ बातचीत और व्यापार शुरू करेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि भारत एक युवा देश है और उसे युवा लोगों का अच्छा साथ मिल रहा है। तरार ने आगे कहा कि यह एक चमत्कार है। भारत के 97 करोड़ लोग अपने मत डाल रहे हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। आप भविष्य में देखेंगे कि लोग भारतीय लोकतंत्र से सीख लेंगे। तरार ने पीओके में चल रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा कि आर्थिक स्थिति खराब होने और महंगाई के कारण वहां के लोग परेशान है। उन्होंने पाकिस्तानी पीएम के आर्थिक पैकेज को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पूरे पाकिस्तान में फिलहाल पीओके जैसी ही स्थिति है। आतंकवाद-कानून व्यवस्था और राजनीतिक अस्थिरता के कारण आज देश कई संकटों से जूझ रहा हैं।

 

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