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पाकिस्तान जिंदाबाद बोलने के माफ़ी मांगें मोहम्मद अकबर लोन: केंद्र की SC से अपील

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Mohammad Akbar Lone should apologize for saying Pakistan Zindabad

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नई दिल्ली। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि लोन साल 2018 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने के लिए माफी मांगें। बता दें, लोन मुख्य याचिकाकर्ता हैं, जिन्होंने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले इस अनुच्छेद को रद्द करने के फैसले को चुनौती दी है।

पांच जजों से की अपील

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ को केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मोहम्मद अकबर लोन को बताना होगा कि वह संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं। साथ ही उन्हें सदन में नारे लगाने के लिए माफी मांगना होगा।

पीठ में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल थे। पांच जजो वाली पीठ ने कहा कि अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट देखी है और अदालत में दी गई दलीलों पर भी ध्यान दिया गया है। जब लोन के जवाब की बारी आएगी तब उनसे बयान मांगा जाएगा।

अगर माफी नहीं मांगी तो…

सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं की ओर से आने वाले इन बयानों का अपना प्रभाव होता है। अगर माफी नहीं मांगी गई तो इससे दूसरों को प्रोत्साहन मिलेगा। इसका जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति लाने के लिए उठाए गए कदमों पर असर पड़ेगा।

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि लोन को एक हलफनामा दायर करना चाहिए, जिसमें वह जम्मू-कश्मीर में नारे लगाने के लिए माफी मांगे। गौरतलब है, हाल ही में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थी। एक याचिका नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन ने भी दायर की है।

अब कश्मीरी पंडितों के एक समूह ने सुप्रीम कोर्ट में मोहम्मद अकबर लोन की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है। कश्मीरी पंडित समूह का दावा है कि याचिकाकर्ता मोहम्मद अकबर लोन अलगाववादी ताकतों के समर्थक हैं।

याचिकाकर्ता के पाकिस्तान समर्थक होने का दावा

सुप्रीम कोर्ट में कश्मीरी पंडितों के समूह ‘रूट्स इन कश्मीर’ ने एक हस्तक्षेप याचिका दायर की। इस याचिका में दावा किया है कि जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन घाटी में संचालित होने वाली अलगाववादी ताकतों के समर्थक के तौर पर जाने हैं, जो पाकिस्तान का समर्थन करती हैं।

हस्तक्षेप याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता नंबर एक (मोहम्मद अकबर लोन) 2002 से 2018 तक विधानसभा के सदस्य थे और विधानसभा में ही ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगा चुके हैं।

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नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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