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अतीक-अशरफ के जुर्म से अल्पसंख्यक ही सबसे ज्यादा पीड़ित, अपने रिश्तेदार, पड़ोसी को भी नहीं बख्शा

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लखनऊ: माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ के आतंक से सिर्फ उमेश पाल का परिवार ही पीड़ित नहीं था बल्कि उसके जुल्म से पीड़ितों की फेहरिस्त लंबी है। एक समय था जब माफिया अतीक की तूती बोलती थी। जमीन कब्जा, अपहरण, हत्या के लिए कुख्यात अतीक के गुर्गों ने प्रदेश में तबाही मचा रखी थी। टॉप 20 मामले पर करें गौर करें तो अहमद भाइयों ने सबसे ज्यादा जुल्म अल्पसंख्यक समुदाय से आने वालों लोगों पर ही किया है। टॉप 20 मामलों में से 13 मामलों में मुस्लिम समुदाय ही पीड़ित रहा है। अशरफ पर तो मदरसे से तालीम ले रही दो नाबालिग बच्चियों को असलहे के दम पर अगवा कर रातभर बलात्कार किया और सुबह मदरसे गेट पर लहूलूहान हालत में फेंक कर चले गये।

अपने रिश्तेदार की जमीन पर भी किया कब्जा

अतीक ने जरायम की दुनिया में अपनी बादशाहत बनाए रखने के लिए रिश्तेदारों को भी नहीं बख्शा। वह जमीन के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। कसारी मसारी प्रयागराज निवासी जीशान उर्फ जानू इसी का जीता जागता उदाहरण है। दरअसल, जीशान अतीक के साढू इमरान जई के छोटे भाई हैं। अतीक ने जीशान की जमीन कब्जा करने के लिए उसके घर को जेसीबी से गिरवा दिया था। इतना ही नहीं उससे पांच करोड़ की रंगदारी के साथ उस पर हमला किया था, जिसका जीशान ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसी तरह सभासद अशफाक कुन्नू का वर्ष 1994 में कत्ल हो गया। इस हत्याकांड को अतीक और अशरफ ने अंजाम दिया था, लेकिन अतीक की ऐसी दहशत थी कि उस पर कानूनी शिकंजा नहीं कस सका। कोई भी पुलिस अधिकारी उस पर हाथ नहीं डालना चाहता था। घटना के पांच साल बाद 1999 में तब के एसपी सिटी लालजी शुक्ला ने अशफाक कुन्नू हत्याकांड में अशरफ की गिरफ्तारी की, उस समय प्रदेश में भाजपा की सरकार थी।

नस्सन को गोली से उड़ाया

अतीक पर उसके अपने करीबी पार्षद नस्सन को गोली मारने का मामला सामने आया था। दरअसल, वार्ड पार्षद नस्सन ने अतीक के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी थी। ऐसे में दोनों के बीच अनबन शुरू हो गई थी। वर्ष 2001 में नस्सन को अतीक ने चकिया में गोलियों से छलनी कर दिया था। वहीं भाजपा नेता अशरफ की माफिया अतीक ने वर्ष 2003 में गोली मारकर हत्या कर दी थी। चकिया में अतीक के घर के सामने ही अशरफ का घर था। अतीक ने भाजपा नेता का नाम उसके भाई के नाम पर होने की वजह से उसे मौत के घाट उतार दिया था। बताते हैं कि वह विपक्षी दल भाजपा के लिए काम करके अतीक को चिढ़ाता था। इसमें सबसे अधिक हैरान करने वाला मामला यह था कि अशरफ की हत्या के बाद उसके शव को लेकर अतीक के गुर्गे भाग गए थे। इसी तरह उसने वर्ष 1989 में प्रयागराज के झालना इलाके में बृजमोहन उर्फ बच्चा कुशवाहा की साढ़े बारह बीघे जमीन पर कब्जा कर लिया था। विरोध करने पर अतीक ने बच्चा को गायब करवा दिया, जिसका आज तक पता नहीं चला। बाद में उसने बच्चा कुशवाहा के बेटे और उसकी पत्नी सूरज कली को मारने पीटने के साथ कई बार गोली चलवाई।

एक नजर में टॉप 20 मामले, जिसमें सबसे ज्यादा अल्प संख्यक समुदाय के

1. जीशान उर्फ जानू पुत्र मो. जई नि. कसारी मसारी थाना धूमनगंज प्रयागराज।
2. मसले (मदरसा कांड में पुत्री के साथ बलात्कार की घटना ) अशरफ
3. स्व. अशफाक कुन्नू का परिवार। (अशफाक की हत्या वर्ष 1994 में हुयी थी)
4. पार्षद नस्सन का परिवार (वर्ष 2001 में पार्षद नस्सन की हत्या की गयी थी)
5. जैद बेली (दोहरा हत्याकांड बेली)
6. भाजपा नेता अशरफ पुत्र अताउल्ला का परिवार ( वर्ष 2003 में भाजपा नेता अशरफ की हत्या)
7. मकसूद पुत्र स्व. मो. कारी (मो. कारी की हत्या करने की घटना की गयी)
8. जैद (देवरिया जेल काण्ड)
9. अरशद पुत्र फरमुदमुल्ला नि. सिलना प्रयागराज (अरशद के हाथ पैर तोड़े)
10. जाबिर, बेली प्रयागराज (अल्कमा हत्याकांड में अतीक द्वारा फर्जी नामजद कराया गया तथा जमानत का विरोध अपने वकील के माध्यम से कराया जाता था।)
11. आबिद प्रधान
12. सउद पार्षद खुल्दाबाद
13. शाबिर उर्फ शेरू
14. जया पाल पत्नी स्व. उमेश पाल
15. सूरज कली (पति की हत्या व गवाही के लिए धमकी देना)
16. स्व. अशोक साहू का परिवार (वर्ष 1995 में अशोक साहू की हत्या की गयी
17. मोहित जायसवाल (देवरिया जेल कांड)
18. जग्गा का परिवार (मुम्बई से बुलाकर कब्रिस्तान में पेड़ से बांध कर जग्गा की हत्या)
19. पार्षद सुशील यादव
20. सिक्योरिटी इन्चार्ज राम कृष्ण सिंह

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खेल-कूद

IPL 2024: खिताबी मुकाबले में आज भिड़ेंगे कोलकाता और हैदराबाद

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चेन्नई। IPL के फाइनल मुकाबले में आज कोलकाता नाइट राइडर्स और सनराइजर्स हैदराबाद की टीमें आमने सामने होंगी। कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम शानदार फॉर्म में है। लीग स्टेज में 14 में से 9 मैच जीतकर 20 अंकों के साथ पहले नंबर पर रही। क्वालिफायर-1 में उसने सनराइजर्स को हराया। उसके पास तीसरी बार चैंपियन बनने का मौका है।

वहीं सनराइजर्स हैदराबाद की टीम अंक तालिका में 14 मैच में 8 जीत के साथ दूसरे नंबर पर रही थी। प्लेऑफ-1 में कोलकाता से हारने के बाद क्वालिफायर-2 में राजस्थान रॉयल्स को हराकर फाइनल में पहुंची। उसके पास चैंपियन बनने दूसरा मौका है। कोलकाता ने आखिरी बार 2014 में गौतम गंभीर के नेतृत्व में आईपीएल खिताब जीता था, जो अब फ्रेंचाइजी के मेंटर हैं।

वहीं, सनराइजर्स हैदराबाद ने 2016 में डेविड वार्नर की अगुवाई में खिताब हासिल किया। श्रेयस अय्यर की अगुवाई वाली टीम मैच में मजबूत आत्मविश्वास के साथ उतरेगी। यह तीसरा मौका होगा जब दोनों टीमें सीजन में आमने-सामने है। आमने-सामने की लड़ाई में कोलकाता का पलड़ा भारी है। अब तक दोनों टीमों के बीच कुल 27 मुकाबले हुए। इनमें से 18 मुकाबले कोलकाता ने और 9 मुकाबले हैदराबाद ने जीते।

इस फाइनल मुकाबले की खास बात यह है कि जहां एक तरफ हैदराबाद के पास उनकी तूफानी बैटिंग लाइन-अप है, वहीं दूसरी तरफ कोलकाता की खतरनाक स्पिन जोड़ी, सुनील नारायण और वरुण चक्रवर्ती, जो किसी भी मजबूत बैटिंग लाइन-अप को तोड़ने का माद्दा रखती है। अगर हैदराबाद की बात करे तो गेंदबाज़ी लाइन अप में भुवनेश्वर कुमार कोलकाता के विरुद्ध अहम भूमिका निभा सकते हैं। कुल मिलाकर यह मुकाबला कांटे की टक्कर का होने वाला है, लेकिन पसंदीदा कोलकाता मानी जा रही है।

संभावित प्लेइंग 11

सनराइजर्स हैदराबाद : पैट कमिंस (कप्तान), ट्रैविस हेड, राहुल त्रिपाठी, हेनरिक क्लासेन (विकेटकीपर), अब्दुल समद, एडन मार्करम, अभिषेक शर्मा, नीतीश रेड्डी, भुवनेश्वर कुमार, टी नटराजन और मयंक मारकंडे।

कोलकाता नाइट राइडर्स : श्रेयस अय्यर (कप्तान), रहमनुल्लाह गुरबाज (विकेटकीपर), रिंकू सिंह, रमनदीप सिंह, वेंकटेश अय्यर, सुनील नारायण, आंद्रे रसल, हर्षित राणा, वैभव अरोड़ा, मिचेल स्टार्क और वरुण चक्रवर्ती।

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