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मथुरा हिंसा : राजनाथ ने हालात का जायजा लिया, मदद का वादा

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मथुरा हिंसा : राजनाथ ने हालात का जायजा लिया, मदद का वादा

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मथुरा हिंसा : राजनाथ ने हालात का जायजा लिया, मदद का वादा

नई दिल्ली| केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश के मथुरा शहर में  हिंसा की स्थिति की समीक्षा की। यहां एक सरकारी जमीन से अवैध अतिक्रमण हटाने के अभियान में पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपनिरीक्षक सहित करीब 20 लोगों की मौत हो गई।

राजनाथ ने ट्वीट कर कहा, “सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात की और मथुरा स्थिति की समीक्षा की। मैंने उन्हें केंद्र से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।”

उन्होंने आगे ट्वीट कर कहा, “मथुरा हिंसा में लोगों की मौत से दुखी हूं। भगवान शोक संतप्त परिवारों को दुख की इस घड़ी से बाहर निकलने की शक्ति दें।”

मथुरा में गुरुवार को सरकारी जमीन के एक बड़े भूभाग पर कब्जा जमाए लोगों को हटाने के लिए शुरू किए गए पुलिस अभियान में भीड़ उग्र हो गई और हमले शुरू कर दिए।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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