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राज्यसभा से रिटायर हुए मनमोहन सिंह, 1991 में पहली बार पहुंचे थे उच्च सदन

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नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस सांसद डॉ.मनमोहन सिंह आज राज्यसभा से रिटायर हो गए हैं। आर्थिक सुधारों के सूत्रधार माने जाने वाले 91 साल के मनमोहन सिंह अक्टूबर 1991 में पहली बार राज्यसभा के सदस्य बने थे। वह 1991 से 1996 तक नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री और 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे।

खास बात है कि उनकी पारी तब संपन्न हो रही है, जब कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी पहली बार राज्यसभा में पहुंच रही हैं। सोनिया गांधी पहली बार राजस्थान से उच्च सदन में प्रवेश करेंगी, जबकि मनमोहन सिंह के साथ राज्यसभा के कम से कम 54 सदस्यों का कार्यकाल मंगलवार और बुधवार को समाप्त हो रहा है और इनमें से कुछ उच्च सदन में नहीं लौटेंगे।

मनमोहन सिंह ने 1998-2004 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया। उन्‍होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल (2004-14) के दौरान उच्च सदन का सदस्य बने रहना चुना। असम से राज्यसभा सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल 14 जून, 2019 को समाप्त हो गया, लेकिन भाजपा सदस्य मदन लाल सैनी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में उन्हें 19 अगस्त, 2019 को राजस्थान से उच्च सदन के लिए फिर से चुना गया था।

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केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता व ग्वालियर राज घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। उनका इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स में चल रहा था। आज सुबह 9.28 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली।

हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया था कि, राजमाता माधवी राजे को सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें 15 फरवरी को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। इसी साल 6 मार्च को भी उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उस समय भी उनकी हालत नाजुक थी और उनको लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर रखा गया था।

पहली बार 15 फरवरी को माधवी राजे की तबीयत बिगड़ी थी, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसके बाद से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुई थे। वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुछ समय पहले यह जानकारी शेयर की थी।

नेपाल राजघराने से माधवीराजे सिंधिया का संबंध है। उनके दादा शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया के साथ माधवी राजे के विवाह से पहले प्रिंसेस किरण राज्यलक्ष्मी देवी उनका नाम था। साल 1966 में माधवराव सिंधिया के साथ उनका विवाह हुआ था। मराठी परंपरा के मुताबिक शादी के बाद उनका नाम बदलकर माधवीराजे सिंधिया रखा गया था। पहले वे महारानी थीं, लेकिन 30 सितंबर 2001 को उनके पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के निधन के बाद से उन्हें राजमाता के नाम से संबोधित किया जाने लगा।

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