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जुर्म

अभी जेल में रहेंगे मनीष सिसोदिया, कोर्ट ने 17 अप्रैल तक बढ़ाई न्यायिक हिरासत

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Manish Sisodia will remain in jail now

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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत अवधि समाप्त होने पर आज बुधवार को ईडी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 17 अप्रैल, 2023 तक बढ़ा दी है।

इससे पहले 22 मार्च को अदालत ने रिमांड की अवधि समाप्त होने पर सिसोदिया को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इसके साथ ही सीबीआई मामले में भी सिसोदिया न्यायिक हिरासत में जेल में हैं।

सिसोदिया के वकील ने कोर्ट में दी ये दलीलें

सिसोदिया की तरफ से पेश अधिवक्ता विवेक जैन ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। जहां तक रिश्वत लेने का मामला है तो सिसोदिया व उनके परिवार के किसी सदस्य के खाते में कोई पैसा नहीं आया है। यह नीति कई विभागों के साथ उपराज्यपाल के पास और हर स्तर पर मंजूर हुई।

विवेक जैन ने कहा कि न तो कोई आरोप है और न ही ऐसा साक्ष्य है कि सिसोदिया ने रुपये लिए हैं। इतना ही नहीं नीति के लागू होने के बाद सरकार को बीते दस सालों में सबसे ज्यादा राजस्व मिला।

विवेक जैन ने कहा कि ऐसी कोई सामग्री नहीं पेश गई कि मनी लांड्रिंग अपराध करने में विजय नायर सिसोदिया के प्रतिनिधि थे। ऐसा भी नहीं है कि सिसोदिया ने किसी को बोला है कि ये नियम छोड़ दें या इसे लाइसेंस दे दें।

विवेक जैन ने कहा कि अभियोजन पक्ष का आरोप है कि मैंने कैबिनेट फाइल से छेड़छाड़ की, लेकिन ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि इस तरह का नोट कैबिनेट के पास गया था।

वहीं, ईडी की तरफ से पेश अधिवक्ता जोहेब हुसैन ने कहा कि हम कुछ नए साक्ष्य जुटा रहे हैं, जोकि हवाला ऑपरेटर से जुड़ा है। ऐसे में हमें जिरह पेश करने के लिए 10 या 11 अप्रैल तक का समय चाहिए। ईडी की अपील स्वीकार करते हुए कोर्ट ने सुनवाई 12 अप्रैल के लिए स्थगित कर दी।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले, 3 अप्रैल को सीबीआई से जुड़े मामले में मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को 17 अप्रैल तक बढ़ा दिया। 31 मार्च को अदालत ने इसी मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

वहीं, बीते शुक्रवार को सीबीआई के मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार करते हुए राउज एवेन्यू की विशेष सीबीआई अदालत ने कहा कि पूरे मामले में आपराधिक साजिश रचने का सिसोदिया को प्रथम दृष्टया सूत्रधार माना जा सकता है।

गौरतलब है कि आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने 26 फरवरी को आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार किया था और अदालत ने उन्हें छह मार्च को न्यायिक हिरासत में जेल में भेज दिया था। ईडी के मनी लांड्रिंग मामले में भी न्यायिक हिरासत में हैं।

 

उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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