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उत्तर प्रदेश

लखनऊ: चिकन लेग पीस खाकर सामान्य रूप से शांत बैठा रहा खूनी पिटबुल

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लखनऊ। लखनऊ के कैसरबाग क्षेत्र में अपनी 82 वर्षीय बुजुर्ग मालकिन को नोच-नोचकर मार डालने वाले खूनी पिटबुल कुत्ते को नैतिक हिरासत में रखने के 24 घंटे पूरे हो गए हैं। लखनऊ नगर निगम के पशु चिकित्सक के मुताबिक, बीते 24 घंटे में पिटबुल का व्यवहार सामान्य था। इस दौरान ऐसा लग रहा था कि वह डरा हुआ है।

बता दें कि अपनी ही मालकिन रिटायर्ड टीचर की हत्या के बाद खूनी पिटबुल को 14 दिन की नैतिक हिरासत में रखा गया है। इसी पिटबुल के हमले में बीते बुधवार को 82 साल की बुजुर्ग की मौत हो गयी थी।

ब्राउनी नाम का यह पिटबुल डॉग पिछले 24 घंटे से लखनऊ नगर निगम के 15/10 के कारागार में नैतिक हिरासत में है। खूनी पिटबुल एक कोने में बैठा हुआ दिखा। ऐसा लग रहा हो मानो पिटबुल डरा हुआ है।

नैतिक हिरासत के दौरान पशु डॉक्टर पिटबुल का बिहैवियर चेक करेंगे। 14 दिनों में पिटबुल का एक्शन या रिएक्शन कैसा रहता है। इस पर नगर निगम के एक्सपर्ट्स की पैनी नजर है। फिलहाल, पिछले 24 घंटे में खुनी पिटबुल को जब खाना-पानी दिया गया, तब उसका व्यवहार सामान्य था। डॉग को दिए जाने वाले खाने को पिटबुल नहीं खाया, लेकिन जब चिकन लेग पीस दिया गया तब खा लिया।

लखनऊ नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ अभिनव वर्मा के मुताबिक, अगर 14 दिनों तक पिटबुल का व्यवहार ठीक रहता है तब इस पिटबुल को जो कोई भी लेना चाहेगा उसको दे दिया जाएगा। अगर व्यवहार सही नहीं रहता तब नगर निगम उसको अपने पास ही रखेगा।

लखनऊ नगर निगम के अधिकारी के मुताबिक, पिटबुल को अपने पास घर मे रखने के लिए उसके मलिक अमित त्रिपाठी के पास लाइसेंस था। यही वजह है कि अमित त्रिपाठी के ऊपर अभी तक नगर निगम के द्वारा कोई मुकदमा नहीं कराया गया है।

नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक पड़ोसियों ने भी कोई शिकायत नहीं दी है लेकिन, जानकारों का मानना है कि लोगों को अग्रेसिव नेचर के कुत्ते नहीं पालने चाहिए।

इस मामले पर डॉ. अभिनव वर्मा का कहना है कि इंसानों को केवल उन डॉग को अपने घर में पालना चाहिए, जो एग्रेसिव नेचर के नहीं हों। पिटबुल मिक्स ब्रीड है। एग्रेसिव नेचर का है। हो सकता है कि जब अमित की मां खाना देने पिटबुल के पास गई थी, तो कुछ चीजें उसको पसंद न आई हो और अग्रेसिव नेचर होने की वजह से उसने महिला पर हमला कर दिया हो।

डॉ. वर्मा ने कहा आमतौर पर पिटबुल अपना एक ही बॉस मानता है। यहां मुझे लगता है कि पिटबुल अमित को अपना बॉस मानता था। जो पिटबुल को बहुत मानता है, वह केवल उसी के आदेश का पालन करता है। जून से अमित के पास पिटबुल रखने का लाइसेंस था। इंडिया में पिटबुल बैन नहीं है।

उत्तर प्रदेश

भीषण गर्मी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

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मुख्यमंत्री का निर्देश, हर स्तर पर हो बचाव के पुख्ता प्रबंध

गांव हो या शहर, न हो अनावश्यक बिजली कटौती, खराब ट्रांसफार्मर, ट्रिपिंग, फाल्ट आदि समस्याओं का तत्काल निराकरण कराएं: मुख्यमंत्री

हीटवेव (लू) के लक्षणों और उससे बचाव के लिए आमजन को जागरूक किया जाए: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री का निर्देश, कहीं न हो पेयजल का अभाव, बाजार में/मुख्य मार्गों पर जगह-जगह पेयजल की करें व्यवस्था

अयोध्या, काशी, मथुरा आदि सभी धार्मिक स्थलों की स्वच्छता का रखें विशेष ध्यान: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री का निर्देश, राहत आयुक्त कार्यालय के स्तर से मौसम पूर्वानुमान का दैनिक बुलेटिन जारी किया जाए

प्राणि उद्यानों/अभयारण्यों में हीट-वेव एक्शन प्लान का हो प्रभावी क्रियान्वयन: मुख्यमंत्री

गोशालाओं में हो पशुधन के चारे और पानी की उचित व्यवस्था

बीमारी की स्थिति में हर किसी को तत्काल चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराएं: मुख्यमंत्री

● विगत कुछ दिनों से प्रदेश में भीषण गर्मी-लू का प्रकोप देखा जा रहा है। तापमान बढ़ रहा है।ऐसी स्थिति में आम जनजीवन और पशुधन, वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए हर स्तर पर पुख्ता प्रबंध किए जाएं।

● राहत आयुक्त कार्यालय के स्तर से मौसम पूर्वानुमान का दैनिक बुलेटिन जारी किया जाए।

● तेज गर्मी/लू का मौसम चल रहा है। ऐसे में गांव हो या शहर, कहीं भी अनावश्यक बिजली कटौती नहीं होनी चाहिए। जरूरत हो तो अतरिक्त बिजली खरीदने की व्यवस्था करें। ट्रांसफार्मर जलने/तार गिरने, ट्रिपिंग जैसी समस्याओं का बिना विलंब निस्तारण किया जाए। अधिकारी फोन अटेंड करें, कहीं भी विवाद की स्थिति न बनने पाए, यदि ऐसा हो तो वरिष्ठ अधिकारी तत्काल स्वयं मौके पर पहुंचें।

● सभी नगर निकायों/ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ रखवाए जाएं। बाजार में/मुख्य मार्गों पर जगह-जगह पेयजल की व्यवस्था हो। इस कार्य में सामाजिक/धार्मिक संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाना चाहिए। सड़कों पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव कराया जाए।

● पानी की कमी से अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए। पेयजल का अभाव कहीं भी न हो।

● स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। अयोध्या, काशी, मथुरा आदि सभी धार्मिक स्थलों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। बड़ा मंगल के दृष्टिगत लखनऊ में साफ-सफाई, ट्रैफिक व अन्य व्यवस्थाओं का सुचारू रूप से होना सुनिश्चित कराएं।

● भीषण गर्मी के बीच पशुधन और वन्य जीवों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाना आवश्यक है। सभी प्राणि उद्यानों/अभयारण्यों में हीट-वेव एक्शन प्लान का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए।

● पशुपालक कृषकों को हीट वेव की स्थिति में सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम हों। गोशालाओं में पशुधन की हरे चारे-चोकर और पानी की उचित व्यवस्था हो। बरसात पूर्व पशुओं के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया जारी रखें।

● हीटवेव (लू) के लक्षणों और उससे बचाव के लिए आमजन को जागरूक किया जाए। बीमारी की स्थिति में हर किसी को तत्काल चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराएं। अस्पतालों/मेडिकल कॉलेजों में हीट-वेव से प्रभावित लोगों का तत्काल इलाज किया जाए।

● शहरों में पेयजल की आपूर्ति निर्धारित रोस्टर के अनुरूप की जाए, सभी हैंडपम्प को क्रियाशील रखा जाए, ग्रामीण पाइप पेयजल योजनाओं का सुचारू संचालन किया जाए।

● सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ का संचालन एक पुनीत कार्य, गोवंश, श्वान आदि के लिए सार्वजनिक स्थानों पर पानी एवं छाया की व्यवस्था की जानी चाहिए। पक्षियों के लिए छोटे बर्तनों में पानी एवं दाना रखने के लिए आम जन को करें जागरूक करें।

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