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उत्तरी सेना प्रमुख बोले- राजोरी-पुंछ में 20 से 25 आतंकी सक्रिय, दहशतगर्दों में रिटायर्ड पाक सैनिक भी

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Lt Gen Upendra Dwivedi

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जम्मू। उत्तरी सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने शुक्रवार को कहा कि सीमा पार से भारत में आए कुछ आतंकवादी सेवानिवृत्त पाकिस्तानी सैनिक भी हैं। उनके अनुमान के मुताबिक, राजोरी और पुंछ के साथ लगते इलाकों में अभी भी 20 से 25 आतंकवादी सक्रिय हो सकते हैं। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी जम्मू में राजोरी मुठभेड़ के बलिदानियों को पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने ये बातें कहीं।

लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा, ‘हमने मुठभेड़ में अपने पांच बहादुर सैनिकों को खो दिया, लेकिन दो खूंखार आतंकवादियों को भी मार गिराया है। हमारे जवानों ने अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा की परवाह किए बिना देश की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।’

दो खूंखार आतंकवादियों के मारे जाने से आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र और पाकिस्तान को एक बड़ा झटका लगा है। दोनों आतंकवादी ढांगरी, कंडी और राजोरी में निर्दोष नागरिकों की हत्या में शामिल थे। उनका खात्मा ऑपरेशन में शामिल संयुक्त बल टीम के लिए प्राथमिकता थी’।

बखूबी प्रशिक्षित थे दोनों आतंकी

उत्तरी कमान प्रमुख ने कहा कि आतंकियों ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान सहित कई देशों में प्रशिक्षण प्राप्त किया होगा। वे बहुत अच्छी तरह से प्रशिक्षित थे। यही कारण है कि हमें उन्हें खत्म करने में कुछ समय लगा। हमारे जवान साहस के साथ लड़े। लांस नायक संजय बिष्ट ने उन्हें सात दिनों के भीतर खत्म करने का वादा किया था।

बेंगलुरु में कैप्टन एमवी प्रांजल के पिता ने जिस तरह बताया कि परिवार उनसे आतंकियों के खात्मे की खबर सुनने का इंतजार कर रहा था। इसके बजाय उन्हें अपने बेटे की वीरगति को प्राप्त करने की खबर मिली।

उनकी ये बातें हमारे सैनिकों को सभी बाधाओं के बावजूद अपने मुख्य कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने कहा कि चूंकि राजोरी और पुंछ राजमार्ग के माध्यम से देश के बाकी हिस्सों से जुड़ा हुआ है इसलिए वहां अधिक आतंकवादियों के छिपे होने की बहुत अधिक संभावना है।

कुछ आतंकियों की पहचान सेवानिवृत्त पाकिस्तानी सैनिकों के तौर पर हुई

उत्तरी कमान प्रमुख ने कहा कि पिछले साल इन क्षेत्रों में आतंकवादी घटनाओं में 10 नागरिकों की जान चली गई। हमें स्थानीय स्रोतों से कुछ आतंकवादी ठिकानों के बारे में जानकारी मिली। वे ढांगरी हमले में भी शामिल थे।

साथ ही LoC पार करके देश में दाखिल हुए कुछ आतंकवादियों की पहचान सेवानिवृत्त पाकिस्तानी सैनिकों के रूप में हुई है। राजोरी मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के एक टॉप कमांडर ‘कारी’ समेत दो को मार गिराया है। कारी बहु प्रशिक्षित होने के साथ ही स्नाइपर भी था। सेना ने आगे बताया कि मुठभेड़ स्थल से बड़ी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं।

माना जाता है कि कारी ने कई हमलों को अंजाम दिया था, जिसमें ढांगरी दोहरा आतंकी हमला भी शामिल था। दोनों आतंकियों का खात्मा इन जिलों में आतंकवाद को बढ़ावा देने के मंसूबे पालने वालों के लिए तगड़ा झटका है।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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