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नेशनल

LPG की तर्ज पर ट्रेन टिकट पर ‘गिव अप’ स्कीम, एक लेटर से मिला आइडिया

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नई दिल्ली। एलपीजी के बाद अब केंद्र सरकार ट्रेन टिकटों पर सब्सिडी छोडऩे का विकल्प देने की तैयारी में है। सब्सिडी छोडऩे के इच्छुक लोगों के लिए ‘गिव अप’ स्कीम शुरू हो रही है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु अगले सप्ताह इस योजना की घोषणा कर सकते हैं।

इसके लिए रेल मंत्रालय ने टिकट बुकिंग फॉर्म में अलग से कॉलम बनाए जाने की मंजूरी दी है। इस फॉर्म के जरिए यात्रियों से पूछा जाएगा कि वे रेल टिकट पर सब्सिडी लेना चाहते हैं या नहीं। जो रेल यात्री सब्सिडी लेना चाहेंगे उन्हें सब्सिडी लेने पर टिक करना होगा और उन्हें सब्सिडाइज्ड रेट पर टिकट मिलेगा। इसी तरह जो लोग सब्सिडी नहीं लेने वाले ऑप्शन पर टिक करेंगे उन्हें पूरा किराया देना होगा।

रेलवे अभी सभी यात्रियों 43 फीसदी तक की सब्सिडी रेल यात्रा के टिकट पर देता है। रेलवे यह बात अब टिकट पर भी लिख रहा है। यह सिस्टम ऑनलाइन बुकिंग पर भी लागू किया जाएगा। सब्सिडी लेने या ना लेने के विकल्प की व्यवस्था अगस्त से लागू की जा सकती है। रेलवे यह व्यवस्था यात्री किराया में हो रहे घाटा को पाटने के लिए कर रही है। वर्तमान में यात्री टिकटों पर करीब 43 फीसद सब्सिडी दी जाती है।

कहां से मिला आइडिया
रेलवे को यह आइडिया फरीदाबाद के अवतार कृष्ण खेर से मिला है। दरअसल, खेर ने आईआरसीटीसी वेबसाइट के जरिए अपना रेल टिकट बुक कराया था। जब उन्होंने टिकट का प्रिंट लिया तो उसमें नीचे लिखा हुआ था कि क्या आप जानते हैं कि आपके किराए का 43 फीसदी देश के आम नागरिक वहन करते हैं। इसके बाद उन्होंने कुल टिकट के अनुसार 950 रुपए का एक चेक रेल मंत्री को लिखे पत्र के साथ भेजा। पत्र में उन्होंने लिखा कि वह आर्थिक रूप से सक्षम हैं और इसे खुद वहन करना चाहते हैं।

सूत्रों ने बताया कि रेल मंत्री ने बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों के साथ इस पत्र पर विचार विमर्श किया। बाद में एलपीजी की तर्ज पर रेलवे किराये में सब्सिडी छोडऩे का विकल्प देने की योजना लाने का फैसला किया।

नेशनल

बाबा रामदेव की सोन पापड़ी भी टेस्ट में ‘फेल’, असिस्टेंट मैनेजर समेत 3 को 6 महीने की जेल

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नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को फटकार लगाई थी। अब पतंजलि कंपनी की सोन पापड़ी फूड टेस्‍ट में फेल गई है। मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्‍टेंट मैनेजर सहित तीन लोगों को छह महीने जेल की सजा सुना दी है। तीनों पर जुर्माना भी लगाया गया है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत सजा सुनाई गई है। असिस्टेंट मैनेजर को 50 हजार और अन्य 2 दोषियों को 10 और 25 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। मामले में शिकायतकर्ता की ओर से रितेश वर्मा ने पैरवी की।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 17 अक्टूबर 2019 को जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ बेरीनाग बाजार का दौरा किया था। इस दौरान बेरीनाग बाजार स्थित लीलाधर पाठक की दुकान में रेड मारी गई। जांच करते हुए रेड टीम ने पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी के सैंपल लिए और उन्हें जांच के लिए रुद्रपुर की लैंब में भेजा गया। साथ ही सप्लायर रामनगर कान्हा जी और पतंजलि को नोटिस जारी किए गए।

जांच में मिठाई की क्वालिटी घटिया मिली। सैंपल फेल हो गया और पुलिस ने एक्शन लेकर पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर के असिस्टेंट मैनेजर अजय जोशी, दुकानदार लीलाधर पाठक को गिरफ्तार कर लिया। तीनों के खिलाफ सुनवाई पूरी होने के बाद बीते दिन जेल और जुर्माने की सजा सुनाई गई।

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