आध्यात्म
पांच राजयोग के साथ इस शुभ मुहूर्त में होगी दिवाली पर लक्ष्मी पूजा, वर्षों बाद बना संयोग
नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर पूरे देशभर में दिवाली का पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस साल दीपावली 12 नवंबर को है। दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। हर वर्ष दीपोत्सव का पर्व 5 दिनों तक मनाया जाता है।
धनतरेस से दिवाली का त्योहार शुरू हो जाता है और फिर इसके बाद नरक चतुर्दशी जिसे छोटी दिवाली भी कहते हैं मनाया जाता है। इसके बाद दिवाली फिर अगले दिन गोवर्धन पूजा और आखिरी दिन भाई दूज का त्योहार आता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक इस साल दीपावली बहुत ही खास रहेगी, क्योंकि कई दशकों के बाद दिवाली पर एक साथ कई शुभ योग और राजयोग का निर्माण हुआ है।
दिवाली 2023 और शुभ योग
दिवाली का त्योहार कार्तिक माह के अमावस्या तिथि पर मनाने का विधान होता है। दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजन का काफी महत्व होता है। दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के लिए प्रदोष काल का समय सबसे अच्छा माना जाता है।
दिवाली पर अमावस्या तिथि 12 नवंबर को दोपहर करीब 2 बजकर 30 मिनट पर शुरू हो जाएगी। वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक दिवाली की शाम के समय जब लक्ष्मी पूजा होगी उसी दौरान 5 राजयोग का निर्माण भी होगा।
इसके अलावा आयुष्मान, सौभाग्य और महालक्ष्मी योग भी बनेगा। इस तरह से दिवाली 8 शुभ योगों में मनाई जाएगी।ज्योतिषाचार्यो का मनाना है कि दीपावली पर इस तरह का शुभ योग कई दशकों के बाद बना है। ऐसे में इस शुभ योग में दिवाली सभी के लिए सुख-समृद्धि और मंगलकामना साबित होगी।
दीपावली पर 5 राजयोग
इस साल दिवाली पर एक साथ 5 राजयोग देखने को मिलेगा। ये 5 राजयोग गजकेसरी, हर्ष, उभयचरी, काहल और दुर्धरा नाम के होंगे। इन राजयोगों का निर्माण शुक्र, बुध, चंद्रमा और गुरु ग्रह स्थितियों के कारण बनेंगे।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गजकेसरी योग को बहुत ही शुभ माना जाता है। यह योग मान-सम्मान और लाभ देने वाला साबित होता है। वहीं हर्ष योग धन में वृद्धि और यश दिलाता है। जबकि बाकी काहल ,उभयचरी और दुर्धरा योग शुभता और शांति दिलाता है।
वहीं कई सालों बाद दिवाली पर दुर्लभ संयोग भी देखने को मिलेगा जब शनि अपनी स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान होकर शश महापुरुष राजयोग का निर्माण करेंगे। इसके अलावा दिवाली पर आयुष्मान और सौभाग्य योग का निर्माण भी होगा।
12 नवंबर को सुबह चतुर्दशी और दोपहर बाद अमावस्या तिथि
इस वर्ष छोटी और बड़ी दिवाली दोनों ही एक दिन यानी 12 नवंबर को ही मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार 12 नवंबर को सुबह तक रूप चौदस रहेगी फिर दोपहर ढाई बजे के बाद कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी। शास्त्रों के अनुसार दिवाली पर लक्ष्मी पूजन हमेशा अमावस्या की रात को होती है। इस वजह से दीपावली पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा 12 नवंबर को रात को होगी। अमावस्या तिथि 13 नवंबर को दोपहर 3 बजे तक ही रहेगी।
कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस बार कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि 12 और 13 नवंबर दोनों ही दिन रहेगी, लेकिन दिवाली का त्योहार 12 नवंबर को ही मनाया जाएगा।
12 नवंबर को दोपहर अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी ऐसे में रविवार की रात को ही लक्ष्मी पूजन के साथ दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा। दरअसल हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि दिवाली पर लक्ष्मी पूजा हमेशा ही अमावस्या तिथि और प्रदोष काल के संयोग में ही करना चाहिए। इस कारण से 12 नवंबर को ही शुभ दीपावली मनाई जाएगी।
दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजा का मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 05 बजकर 40 मिनट से शाम 07 बजकर 36 मिनट तक।
अवधि: 01 घंटा 54 मिनट
प्रदोष काल- 05:29 से 08:07 तक
वृषभ काल- 05:40 से 07 :36 तक
दिवाली महानिशीथ काल पूजा मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त- 11:39 से 12:31 तक
अवधि- 52 मिनट
महानिशीथ काल- 11:39 से 12:31 तक
सिंह काल- 12:12 से 02:30 तक
दिवाली शुभ चौघड़िया पूजा मुहूर्त
अपराह्न मुहूर्त्त (शुभ)- 01:26 से 02:47 तक
सायंकाल मुहूर्त्त (शुभ, अमृत, चल)- 05:29 से 10:26 तक
रात्रि मुहूर्त्त (लाभ)- 01:44 से 03:23 तक
उषाकाल मुहूर्त्त (शुभ)- 05:02 से 06:41 तक
आध्यात्म
नौकरी में चाहिए प्रमोशन तो अपनाएं ज्योतिष के ये उपाय
नई दिल्ली। अगर आप पिछले काफी समय नौकरी कर रहे हैं और आपका प्रमोशन नहीं हो रहा है। या फिर आपकी बॉस से नहीं बन रही है तो ये कुछ सरल उपाय करके आप सफलता पा सकते हैं।
. शनिवार की सुबह जल्दी उठें और नित्य कर्मों से निवृत्त होकर घर में किसी पवित्र स्थान पर पूजन का विशेष प्रबंध करें या किसी मंदिर में जाएं। शनिवार शनि की पूजा का विशेष दिन माना जाता है। शनि हमारे कर्मों का फल देने वाले देवता हैं। अत: इसी दिन शनि देव का विधिवत पूजन करनी चाहिए।
. तरक्की के लिए सूर्य देवता को मनाना काफी शुभ बताया जाता है। जो लोग आसानी से तरक्की करते हैं उनका सूर्य काफी मजबूत होता है। प्रतिदिन सुबह सूर्य को पानी अर्पित करें और सूर्य नमस्कार करें। सूर्य देवता को जल अर्पित करने वाला बर्तन तांबे का हो और उसमें थोड़ा गंगाजल डालें। जल अर्पित करने के बाद सूर्य देवता से अपनी इच्छा रोज जाहिर किया करें।
. यदि नौकरी-पेशा करने वाले जातकों को प्रमोशन नहीं मिल रहा है अथवा उनकी तनख्वाह में वृद्धि नहीं हो रही है तो उन्हें मंगलवार के दिन हनुमान जी की आराधना करना चाहिए।
. प्रतिदिन पक्षियों को मिश्रित अनाज खिलाना चाहिए। सात प्रकार के अनाजों को एकसाथ मिलाकर पक्षियों को खिलाएं। इसमें गेहूं, ज्वार, मक्का, बाजरा, चावल, दालें शामिल की जा सकती हैं। प्रतिदिन सुबह यह उपाय करें, जल्दी ही नौकरी से जुड़ी इच्छाएं पूरी हो जाएंगी।
. रात को सोते समय एक तांबे के बर्तन में पान भरकर अपने बिस्तर के नीचे रखें और सुबह उठते ही, बिना किसी को बोले, यह जल घर के बाहर फेंक दें।
. भगवान विष्णु की आराधना करने से भक्तों की मन की मुराद पूरी होती है इसलिए नौकरी में प्रमोशन पाने के इच्छुक जातकों को भगवान विष्णु जी की आराधना करनी चाहिए।
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