Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

ग्राम पंचायतों के विकास में पैसे की कमी आड़े नहीं आएगी: मुख्यमंत्री योगी

Published

on

Loading

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्रिस्तरीय पंचायतों को और अधिकार संपन्न बनाते उनके मानदेय में भारी इजाफा कर उनकी बहुप्रतीक्षित मांग पूरी कर दी है । मुख्यमंत्री ने यह भी साफ कर दिया कि किसी भी संस्था अथवा व्यक्ति को पंचायत प्रतिनिधियों के शोषण का अधिकार नहीं होगा । पंचायतों के विकास में आने वाली अड़चनों को भी दूर करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रक्रिया को सरल बनाते हुए यह आह्वान किया कि पंचायतें स्मार्ट सिटी की तर्ज़ पर स्मार्ट विलेज(गाँव) बनाने की ओर अग्रसर हों, ऐसा करने वाली ग्राम पंचायतों को राज्य सरकार पुरस्कृत करेगी । उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश की डबल इंजन की सरकार के साथ पंचायतों की ट्रीपल इंजन की सरकार विकास में सहभागी बन जाए तो उत्तर प्रदेश को देश की नम्बर 1 की अर्थव्यवस्था बनाने से कोई ताकत रोक नहीं सकती है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बुधवार को राजधानी में आयोजित ग्राम उत्कर्ष समारोह (ग्राम पंचायत सम्मेलन) को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बटन दबाकर 42478 ग्राम पंचायत भवनों का लोकार्पण और 58189 ग्राम सचिवालयों व पंचायत पोर्टल का शुभारंभ किया। साथ ही उल्लेखनीय कार्य के लिए पुरस्कार के लिए चयनित 356 में से पांच ग्राम प्रधानों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री योगी ने त्रिस्तरीय पंचायतों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि सही मायने में ग्राम्य पंचायतें विकास की धुरी होती हैं। प्रदेश सरकार ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के विकास में धन की कमी आड़े नहीं आने देगी । पंचायत प्रतिनिधियों को भी विकास में प्रतिस्पर्धा की भावना से काम करना होगा। सरकार उनके साथ खड़ी है।पंचायत प्रतिनिधियों का कोई भी संस्था या व्यक्ति को शोषण का अधिकार नहीं होगा । उन्होंने पंचायतों का आह्वान किया कि स्मार्ट सिटी की तरह स्मार्ट गाँव की तरफ अग्रसर होकर इस परिकल्पना को साकार कीजिये, राज्य सरकार बढ़ाकर पुरस्कार देगी । उन्होंने कहा कि गाँव का विकास होते ही उत्तर प्रदेश, देश की नंबर 1 बनने की लड़ाई जीत जाएगा। इस दिशा में राज्य सरकार ने इन पांच वर्षों के दौरान बहुत कार्य किये हैं । आज यूपी को किसी का भय नहीं है। प्रदेश में अब पेशेवर अपराधी और कोरोना डरेगा। कोरोना की रोकथाम में ग्राम प्रधानों, आशा कार्यकत्रियों आदि ने जान की परवाह किये बिना जिस तरीके से कोरोना को नियंत्रित किया वह अभिनंदनीय है। सीएम योगी ने कहा कि गाँव में सफाई, जल निकासी की बेहतर व्यवस्था व हर घर को स्वच्छ जल की आपूर्ति से आधी बीमारी स्वत: खत्म हो जाएगी । गाँव में शहर की तरह स्ट्रीट लाइट और कूड़े-कचरे के निस्तारण की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए।

पंचायत प्रतिनिधियों की बल्ले-बल्ले, बढ़ा मानदेय

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में भारी वृद्धि कर उनकी बड़ी मुराद पूरी कर दी है। योगी सरकार ने ग्राम प्रधानों का मानदेय 3500 से बढ़ाकर 5000 रूपये कर दिया है। ब्लॉक प्रमुख को 9800 की जगह 11300 और जिला पंचायत अध्यक्ष को अब 14000 की जगह 15500 रुपये मानदेय मिलेंगे। इसी प्रकार ग्राम पंचायत सदस्य को प्रति बैठक 100 रुपये मिलेंगे। एक साल में ग्राम पंचायत की 12 बैठकें होंगी। इसी क्रम में बीडीसी (क्षेत्र पंचायत सदस्य) को प्रति बैठक 500 रुपये की जगह 1000 रुपये मिलेंगे। एक साल में क्षेत्र पंचायत की छह बैठकें होंगी। जिला पंचायत सदस्य को अब प्रति बैठक 1000 रुपये की जगह 1500 रुपये मिलेंगे और जिला पंचायत की भी एक साल में छह बैठक होगी ।

दुर्घटना में मौत पर प्रधान के परिजनों को मिलेगा दस लाख मुआवजा

योगी सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए बुधवार को बड़ा ऐलान किया है। सम्मेलन में इसकी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर गांव पंचायत में ग्राम पंचायत कोष का गठन किया जाएगा। इस कोष से आकस्मिक दुर्घटना का शिकार होने पर ग्राम प्रधान के परिजनों को 10 लाख, जिला पंचायत सदस्य को 5 लाख, क्षेत्र पंचायत सदस्य को 3 लाख और ग्राम पंचायत सदस्य के परिजनों को 2 ला की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।

ग्राम पंचायतों के विकास के लिए मिलेंगे पांच लाख रुपये

त्रिस्तरीय पंचायतों के विकास के लिए योगी सरकार ने खजाना खोल दिया है। इसका ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि ग्राम पंचायतों को विकास के लिए हर साल अब प्रति कार्य पांच लाख दिये जाएंगे। पहले यह सीमा राशि 2 लाख थी । इसी प्रकार जिला पंचायतों को विकास के लिए 25 लाख रुपये प्रति कार्य की राशि दी जाएगी। पहले यह राशि सीमा 10 लाख रुपये थी ।
प्रशासनिक व तकनीकी अधिकारों में वृद्धि

ग्राम पंचायतें अपनी परियोजनाओं का स्टीमेट बनाने / एम.बी. कराने का कार्य विकास खंड के नामित अभियंता के अलावा जनपद में कार्यरत लोक निर्माण विभाग, आवास एवं विकास परिषद, विकास प्राधिकरण, सिंचाई विभाग, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, लघु सिंचाई विभाग, मण्डी समिति, जिला पंचायत के अवर अभियंता, जल निगम के अवर अभियंता / सहायक अभियंता करा सकते हैं।

कार्य प्रणाली में सुधार

भौगौलिक रूप से समीपवर्ती एवं परस्पर सटी हुई ग्राम पंचायतों में सचिवों की तैनाती की जाएगी, इसके लिए पूरे प्रदेश में लगभग 15,000 क्लस्टर बनाए गए हैं।

7. मनरेगा में ग्राम पंचायतों से अबभुगतान :

अगले 03 माह के अन्दर मनरेगा योजना में मजदूरी व मैटेरियल के भुगतान, ग्राम प्रधान के डिजिटल सिग्नेचर से सम्पादित करने की व्यवस्था (अभी यह कार्य ब्लॉक स्तर से किया जाता है) प्रदेश के 02 विकास खण्डों (मोहनलालगंज-लखनऊ एवं अहिरोरी-हरदोई) में इनका पायलट प्रोजेक्ट के रूप में क्रियान्वयन किया जा रहा है।

जिला योजना समिति में भागीदारी

जिला योजना समिति में 2-2 ग्राम प्रधान चक्रानुक्रम में एक वर्ष के लिए जिलाधिकारी द्वारा नामित किए जायेंगे।

जिला प्रशासन से संवाद का प्लेटफार्म

प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रत्येक तीन माह में एक बार ग्राम प्रधान / पंचायत प्रतिनिधि के साथ बैठक कर इनके सुझाव लेते हुए समस्याओं का निराकरण करेंगे।

Continue Reading

नेशनल

ओडिशा के ढेंकानाल में बोले पीएम मोदी, मैंने ओडिशा और देश की सुख समृद्धि के लिए भगवान जगन्नाथ से आशीर्वाद मांगा

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पीएम मोदी ने ओडिशा के ढेंकानाल में एक जनसभा को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन की शुरुआत जय जगन्नाथ और जय श्रीराम का उद्घोष कर के किया। पीएम मोदी ने 10 बजे सुबह में लोगों की इतनी बड़ी भीड़ आने पर आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा कि मैं सुबह भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद लेने गया था जहां हजारों लोगों की भीड़ आई थी। पीएम ने कहा कि भगवान जगन्नाथ हर किसी की आशा पूरी करते हैं। पीएम ने कहा कि मैनें ओडिशा और देश की सुख समृद्धि के लिए भगवान जगन्नाथ से आशीर्वाद मांगा है। पीएम मोदी ने रैली में आए बच्चों के बारे में कि जब 2047 में भारत विकसित होगा तब यही लोग देश चला रहे होंगे।

पीएम मोदी जनसभा में कहा कि चुनाव के इस समय में दुनिया के कई एक्सपर्ट देश के कोने-कोने में जाकर हालात का जायजा ले रहे हैं। भारत के लोकतंत्र के उत्सव का आनंद लेते हुए मतदाताओं की नब्ज टटोल रहे हैं। हर कोई चकित है कि लोग तीसरी बार भी मोदी सरकार को वापस लाना चाहते हैं। इसमें हमारी माताओं और बहनों का योगदान सबसे ज्यादा है। ओडिशा के गांव-गांव, गली-गली में अब एक ही नारा गूंज रहा है। ओडिशा में पहली बार-डबल इंजन सरकार।

पीएम मोदी ने रैली में आए लोगों से कहा कि आपने 25 साल तक बीजद की सरकार पर भरोसा किया। लेकिन आज लोग इस बात पर मंथन कर रहे हैं कि इतने सालों में ओडिशा को क्या मिला। आज भी यहां किसान परेशान हैं। युवा दूसरे राज्यों में नौकरी के लिए जा रहे हैं। आदिवासी क्षेत्र जहां जल जंगल, जमीन है खनिज संपदा है, वहां सबसे ज्यादा बेहाली है। इन्हीं इलाकों से सबसे ज्यादा पलायन होता है।

पीएम मोदी ने कहा कि इतने समृद्ध ओडिशा में जनता इतनी गरीबी में जीने के लिए मजबूर क्यों है। पीएम ने कहा कि मैं सोमनाथ की धरती से जगन्नाथ की धरती को प्रणाम करने आया हूं। लेकिन मैं ओडिशा की गरीबी को देखता हूं तो मुझे तकलीफ होती है। पीएम ने कहा कि इतना समृद्ध प्रदेश, इतनी महान विरासत, मेरे ओडिशा को किसने तबाह-बर्बाद किया। किसने इसके युवाओं के सपनों को कुचल डाला। ये बातें बहुत तकलीफ देती है। पीएम ने कहा कि इसकी सबसे बड़ी वजह है बीजू जनता दल की सरकार जो पूरी तरह भ्रष्टाचारियों के कब्जे से घिरी हुई है। पीएम ने कहा कि मुट्ठी भर भ्रष्टाचारी सीएम आवास पर कब्जा कर के बैठे हैं। बीजद के छोटे-छोटे नेता करोड़ों के मालिक बन गए हैं। पीएम ने कहा कि ओडिशा की बीजद सरकार ने यहां की खनिज संपदा का फायदा लोगों को नहीं मिलने दिया।

पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में पीएम बनने के बाद मैंनें नई खनन नीति बनाई। इसके तहत ओडिशा को ज्यादा रॉयल्टी मिलती है। हमने नियम बनाया कि खनिज की कमाई का एक हिस्सा यहीं रहे और लोगों के विकास में लगे। हमने ओडिशा को मिनरल फंड के तहत 26 हजार करोड़ रुपये दिए हैं। पीएम ने कहा कि ये पैसे ढेंकनाल में बच्चों के स्कूल, गांव की सड़कों के लिए खर्च होने थे। लेकिन बीजेडी की सरकार ने इसमें भी भ्रष्टाचार किया।

पीएम मोदी ने कहा कि बीजेडी के राज में ओडिशा की न तो संपदा सुरक्षित है और न ही सांस्कृतिक धरोहर। बीजेडी सरकार के कारण जगन्नाथ मंदिर भी सुरक्षित नहीं है। बीते 6 साल से श्री रत्न भंडार की चाबी का अता-पता नहीं है। जब हमारे घर की चाबी खो जाती है तो हम भगवान जगन्नाथ से मदद मांगते हैं और चाबी हमें मिल जाती है। लेकिन यहां 6 साल से रत्न भंडार की चाबी खो गई है। पीएम मोदी ने कहा कि इसके पीछे बीजेडी सरकार और सीएम को घेरा डाल कर बैठे लोग जिम्मेदार हैं। पूरा ओडिशा जानना चाहते है कि जो जांच हुई थी उसकी रिपोर्ट में ऐसा क्या है जो रिपोर्ट ही दबा दी है।

पीएम मोदी ने कहा कि बीजेडी की खामोशी के कारण लोगों का शक गहरा रहा है। पीएम ने कहा कि मैं आज ओडिशा के लोगों को गारंटी देता हूं कि भाजपा की सरकार उस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करेगी। इसके बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। पीएम ने कहा कि भगवान जगन्नाथ की सबसे बड़ी सेवा उसी समय से शुरू हो जाएगी।

पीएम मोदी ने कहा कि ओडिशा का तेज विकास ओडिशा की मिट्टी की संतान ही कर पाएगी। इसलिए मोदी ने गारंटी दी है कि आप यहां भाजपा की सरकार बनाइए और भाजपा ओडिशा के बेटे या बेटी को ही ओडिशा का मुख्यमंत्री बनाएगी। पीएम ने कहा कि मैनें पहले से ही शपथ ग्रहण की तारीख बता दी है। मैं सभी को निमंत्रण देने आया हूं कि 10 जून को ओडिशा में भाजपा की डबल इंजन सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होगा। पीएम मोदी ने कहा कि बीजद सरकार का जाना तय है।

पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के ओडिशा को विकास की रफ्तार चाहिए जो बीजेडी सरकार किसी भी हालत में नहीं दे सकती। इस शताब्दी का अब तक पूरा हिस्सा लोग बीजेडी को दे चुके हैं। अब समय आ चुका है कि लोग बीजेडी की ढ़ीली सरकार को छोड़कर भाजपा की सरकार चुने। पीएम मोदी ने कहा कि बीते लंबे समय से ओडिशा में सिंचाईं परियोजनाएं लटकी पड़ी हैं। आपने अगर मोदी को अवसर दिया तो हम इसे पीएम कृषि सिंचाई योजना में लाएंगे। ओडिशा में 8 ऐसे प्रोजेक्ट हैं जिनमें से 5 को मोदी सरकार पूरा कर चुकी है। लेकिन बीजद की सरकार के ज्यादातर प्रोजेक्ट आज भी अधूरे हैं।

पीएम ने कहा कि ओडिशा के किसानों के साथ भी हमेशा से विश्वासघात हुआ है। ओडिशा का किसान साल में धान की एक फसल मुश्किल से उगाता है। लेकिन किसान को 2200 रुपये को घोषित एमएसपी भी उन्हें नहीं मिलता। बीजेडी के नेता धान किसानों को मंडी में लूटते हैं। पीएम ने रैली में आए लोगों से कहा कि आप हर किसान से जाकर मिलें और उन्हें बताए कि अगर यहां भाजपा की सरकार बनेगी तो ओडिशा में भी छत्तीसगढ़ की तरह धान का एमएसपी 3100 रुपये होगा। 48 घंटे के अंदर में ही धान का ये पैसे उनके खाते में चला जाएगा। इसके अलावा जो तोलने के बहाने जो कंटनी-छंटनी होती है और किसानों के लूटा जाता है उससे मुक्ति के लिए मंडियों में इलेक्ट्रिक मशीन लगाई जाएगी।

पीएम ने कहा कि बीजेडी सरकार का पहली बार इस तरह कच्चा-चिट्ठा देश के सामने आ रहा है। आदिवासी अधिकारों को लेकर भी ओडिशा की बीजद सरकार लापरवाह है। केंद्र सरकार ने वन-धन योजना शुरू की है। जिसके तहत वन उत्पादों की खरीद एसएसपी पर होती है। ओडिशा में 175 केंद्र खुले हैं। इनमें 80 से ज्यादा वन उत्पादों की खरीद एमएसपी पर होती है। लेकिन बीजद सरकार वन उपज पर एमएसपी नहीं देती। वह यहां आदिवासियों के लिए पेसा कानून लागू नहीं करती जिस कारण आदिवासियों के भूमि अधिकार की समस्या ज्यों की त्यों है।

पीएम मोदी ने कहा कि बीजद सरकार के कारण माताओं बहनों का घर चलाना भी मुश्किल हो गया है। पीएम मोदी ने कहा कि वह दिल्ली से मुफ्त चावल के लिए पैसे भेजते हैं। लेकिन बीजेडी के लोग उसपर अपना चेहरा लगाकर बेच देते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ओडिशा की महिलाओं के लिए सुभद्रा योजना शुरू करेंगे जो काफी मददगार होगी।

Continue Reading

Trending