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अन्तर्राष्ट्रीय

कुर्दिश आतंकवादी समूह ने ली इस्तांबुल हवाईअड्डे हमले की जिम्मेदारी

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कुर्दिश आतंकवादी समूह, इस्तांबुल हवाईअड्डे हमले की जिम्मेदारी, सबिहा गोकेन हवाईअड्डे

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इस्तांबुल। कुर्दिश आतंकवादी समूह ने बुधवार को इस्तांबुल के सबिहा गोकेन हवाईअड्डे पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली। समाचार एजेंसी कुर्दिश फिरात ने कुर्दिस्तान फ्रीडम हॉक्स (टीएके) के हवाले से बताया, “टीएके ने सबिहा गोकेन हवाईअड्डे पर मोर्टार से हमला किया। इस हमले में एक विमान सफाईकर्ता की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया।” टीएके को कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) का समर्थक माना जाता है। इस हमले में पांच विमान नष्ट हो गए। टीएके ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एरडोगन और उनकी सरकार को भी धमकी दी है कि वे अपने ही शहरों में शांति से नहीं रह पाएंगे। टीएके ने कहा कि तुर्की में चल रही पर्यटन संबंधी और विदेशी कंपनियां विदेशी यात्रियों की सुरक्षा के लिए जवाबदेह नहीं हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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