अन्तर्राष्ट्रीय
सीक्रेट मिशन पर चीन पहुंचा नॉर्थ कोरिया का तानाशाह किम-जोंग-उन
चीन की मीडिया में मंगलवार को इस बात की अटकलें जोरों पर हैं कि नॉर्थ कोरिया का तानाशाह किम जोंग-उन राजधानी चीन की राजधानी बीजिंग में मौजूद हैं। चीन और उत्तर कोरिया की सीमा पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती के बाद यह अटकलें लगायी जा रही है। बहरहाल, किम की यात्रा के बारे में किसी ने आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक एक वरिष्ठ उत्तर कोरियाई पदाधिकारी को लेकर एक ट्रेन बीजिंग पहुंची है। सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि यह व्यक्ति और कोई नहीं किम जोंग उन है। अगर इस बात की पुष्टि हो जाती है तो अपने पिता की मृत्यु के बाद वर्ष 2011 में सत्ता में आने के बाद से यह किम की पहली विदेश यात्रा होगी।
गौरतलब है कि चीन उत्तर कोरिया का एकमात्र मित्र देश माना जाता है। हालांकि, किम की यात्रा की विस्तृत जानकारी या उद्देश्य अभी तक पता नहीं चले हैं। यह भी अटकलें हैं कि चीन और नॉर्थ कोरिया के बीच रिश्ते सुधारने के मकसद से किम इस यात्रा पर पहुंचा है, जो बीते साल उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण और उस पर लगे प्रतिबंधों की वजह से तनाव से भर गए थे।
बीजिंग के जिस गेस्टहाउस में आमतौर पर विदेशी नेता ठहरते हैं वहां पुलिस की गतिविधि भी बढ़ गई है। इलाके में बड़ी संख्या में अधिकारी और करीब 50 वाहन देखे गए। आसपास की सडक़ों की घेराबंदी कर दी गई है। इतिहास पर गौर करें तो उत्तर कोरियाई नेता की चीन और अपने पड़ोसी देशों की यात्रा हमेशा गोपनीय रही है। किम के दिवंगत पिता किम जोंग-इल गुपचुप तरीके से चीन की यात्रा करते थे।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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