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मुख्य समाचार

झारखण्ड: सरकार पर गहराया संकट, मुख्यमंत्री ने फिर बुलाई महागठबंधन की बैठक

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रांची। खनन पट्टा मामले में चुनाव आयोग द्वारा झारखण्ड के सीएम हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द करने की रिपोर्ट राज्यपाल को भेजने से सरकार पर संकट गहरा गया है। राज्यपाल कभी भी अपना फैसला दे सकते हैं। इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकों को एकजुट रखने और सरकार बचाने की कोशिश लगातार जारी है।

इसी कड़ी में शनिवार को तीसरी बार सीएम आवास पर यूपीए विधायकों की बैठक बुलाई गई है। इससे पहले शुक्रवार को सुबह 11 बजे और शाम सात बजे विधायकों की बैठक बुलाई गई थी। यूपीए विधायकों की बैठक रांची में सीएम सोरेन के आवास पर होनी है। इन्ही बैठकों में हेमंत सोरेन के राजनीतिक भविष्य का फैसला भी हो जाएगा। खनन पट्टे मामले में उनकी विधानसभा सदस्यता पर तलवार लटक रही है।

बता दें बीजेपी ने राज्यपाल से जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 9 (ए) का उल्लंघन करने के लिए विधायक के रूप में उन्हें अयोग्यता घोषित करने की मांग की। जिसपर राज्यपाल ने आयोग ने सुझाव मांगा था।

राजभवन के फैसले का है इंतजार झामुमो

विधायक सरफराज अहमद ने कहा कि बैठक में किसी तरह का कोई फैसला नहीं हुआ है। जबतक राजभवन की तरफ से रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाती, तबतक हम स्थिति पर नजर रखेंगे।

विधायक नलिन सोरेन ने कहा कि विधायकों के छत्तीसगढ़ जाने की बात केवल अफवाह हैं। हमारे पास 50 विधायकों का समर्थन हैं। सरकार पूरी तरह से स्थिर है।

51 विधायक हैं एकजुट

सरकार में राजद कोटे से मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि राज्य की जो राजनीतिक परिस्थितियां हैं उस पर चर्चा की गई। महागठबंधन के सभी 51 विधायक एकजुट हैं। सरकार को कोई खतरा नहीं है। सरकार चल रही है और आगे भी चलेगी। विधायकों के प्रति सभी को विश्वास हैं। कोई कहीं बाहर दूसरे राज्य नहीं जा रहे हैं।

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नेशनल

जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल, 1 जून तक के लिए मिली अंतरिम जमानत

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा। केजरीवाल आज ही तिहाड़ से बाहर आएंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल पर चुनाव प्रचार को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ये आदेश पारित किया है। केजरीवाल को जमानत लोकसभा चुनाव के चलते दी गई है। हालांकि कोर्ट में ईडी ने इसका विरोध किया और कहा कि ये संवैधानिक अधिकार नहीं है।

अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से 5 जून तक की जमानत की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने कहा- “हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए। केजरीवाल को मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और गिरफ़्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी। अब 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 2 जून को अरविंद केजरीवाल सरेंडर करेंगे।”

बीते गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने केजरीवाल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। ईडी ने हलफनामे में कहा था कि चुनाव प्रचार करना कोई मौलिक अधिकार नहीं है। वहीं, दूसरी ओर ईडी के हलफनामे पर केजरीवाल की लीगल टीम ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हालांकि, ईडी की सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए अदालत ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है।

 

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