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गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार मिलना गर्व की बात : सीएम योगी

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बलरामपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसी का नाम लिए बगैर इशारों-इशारों में कांग्रेस पार्टी, पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ‘एक्सीडेंटल हिंदू’ के वंशज गीता प्रेस को मिले सम्मान को पचा नहीं पा रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि गीता प्रेस एक शताब्दी से सनातन हिंदू धर्म की सेवा कर रहा है। सनातन हिंदू धर्म मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। सर्वे भवन्तु सुखिनः और वसुधैव कुटुंबकम का संदेश देता है। इसके प्रकाशन के प्रमुख केंद्र को गांधी शांति पुरस्कार मिलना गर्व की बात है।

सीएम योगी सोमवार को थारू जनजाति संग्रहालय और थारू जनजाति प्रदर्शनी का शुभारंभ करने बलरामपुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने गीता प्रेस को मिले सम्मान के खिलाफ आए कांग्रेस के नेताओं के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अपने विरासत के प्रति इतना गंदा रवैया रखना वाली कांग्रेस के लिए निर्लज्जता की बात है। उन्होंने कहा कि गीता प्रेस पिछले 100 वर्षों से धार्मिक साहित्य का प्रकाशन कर रहा है। सस्ते मूल्य पर बिना किसी सरकारी सहयोग के धार्मिक साहित्य, गीता, वेद, रामायण, रामचरितमानस सहित हर प्रकार के धार्मिक साहित्य का प्रकाशन का प्रमुख केंद्र रहा है।

सीएम योगी ने कहा कि हमारे जनजातीय समुदाय का गौरवशाली अतीत रहा है। जंगलों की रक्षा का दायित्व भी इन्होंने अपने कंधों पर उठा रखा है। यहां का जनजातीय समुदाय अपनी जड़ों से जुड़ा हुआ है। अगर दुनिया ने हमारे जनजातीय समुदाय से सीखते हुए अपने विरासत की रक्षा की होती तो आज ग्लोबल वार्मिंग का संकट न खड़ा होता। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय समुदाय के प्रति सम्मान का भाव व्यक्त करने के लिए भगवान बिरसा मुंडा की जयंती यानी 15 नवंबर की तिथि को जनजातीय दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की। इस दिवस को मनाने के पीछे भगवान बिरसा मुंडा का गौरवशाली अतीत है कि किस तरह से उन्होंने विदेशी आक्रांता ओं को मुंहतोड़ जवाब दिया था। 15 नवंबर को हम सब उनके संघर्ष का स्मरण करते हैं। सीएम योगी ने कहा कि यह थारू संग्रहालय हमारे जनजातीय समुदाय का सम्मान है।

सीएम योगी ने कहा कि थारू, गोड़, बक्सा, चेरू,सहारिया समेत प्रदेश की सभी जनजातीय समुदाय को हम शत प्रतिशत सैचुरेशन के तरफ ले करके जाएंगे। जिन परिवारों के पास जमीन नहीं होंगे उनको जमीन के पट्टे उपलब्ध करवाने के कार्य होंगे होंगे वनाधिकार कानून के अंतर्गत इस प्रकार के संशोधन किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के जनजातीय समुदाय को आवास, राशन कार्ड, निराश्रित महिला, बुजुर्ग और दिव्यांगजनों को पेंशन उपलब्ध करवाने का कार्य भी करेगी। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे लोगों को आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख रुपए का की स्वास्थ्य बीमा कवर देगी।

सीएम योगी ने कहा कि थारू समुदाय के लोगों ने महाराणा प्रताप के सेना का हिस्सा बन कर के विदेशी हुकूमत की चूलें हिलाने का काम किया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले नौ वर्षों में वैश्विक मंचों पर भारत का सम्मान बढ़ा है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस यानी 21 जून को पूरी दुनिया योग करके भारत की ऋषी परंपरा के प्रति अपना आभार व्यक्त करेगी। आज दुनिया में जब भी कोई संकट आता है तो पूरा विश्व संकट मोचक के रूप में प्रधानमंत्री मोदी और भारत की तरफ देखता है। उन्होंने कहा कि विश्व के तमाम देशों में प्रधानमंत्री मोदी को मिला सम्मान भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व की बात है।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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