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इशरत जहां मामले के याचिकाकर्ता की रोड एक्सीडेंट में मौत, जांच शुरू
अलप्पुझा (केरल)। गुजरात के बहुचर्चित इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले के एक याचिकाकर्ता की शुक्रवार को यहां एक सडक़ दुर्घटना में मौत हो गई। केरल पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
एम.आर. गोपीनाथन पिल्लई अपनी कार से जा रहे थे, और अचानक उनकी कार एक लॉरी से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें उनकी मौत हो गई। नाम गोपनीय रखने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि हम कोई मौका नहीं छोड़ेंगे और दुर्घटना के सभी पहलुओं की जांच हो रही है।
पिल्लई, जावेद गुलाम शेख उर्फ प्रणेश कुमार पिल्लई के पिता थे। जून 2004 में अहमदाबाद के बाहरी इलाके में गुजरात पुलिस ने इशरत जहां के साथ जिन अन्य दो लोगों को मार गिराया था, उसमें जावेद भी शामिल था।
अधिकारी ने कहा, “दुर्घटना पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।” पट्टनक्कड़ थाने के एक अधिकारी ने कहा, “पिल्लई स्वास्थ्य परीक्षण के लिए अस्पताल जा रहे थे, जब यह दुर्घटना हुई।”
विशेष जांच दल ने साल 2011 में गुजरात उच्च न्यायालय में पिल्लई के बेटे की मौत फर्जी मुठभेड़ में होने की जांच रपट दाखिल की थी, जिसके बाद 78 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक पिल्लई ने राहत की सांस ली थी। शेख ने एक मुस्लिम महिला से शादी करने के लिए इस्लाम धर्म अपना लिया था।
गुजरात पुलिस ने आरोप लगाया था कि इशरत जहां और तीन अन्य लोग आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य थे और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने के लिए आए थे।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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