Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

LAC की स्थिति सामान्य होने तक नहीं सुधरेंगे भारत-चीन संबंध: एस जयशंकर

Published

on

Jaishankar

Loading

बेंगलुरु। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक कि सीमा की स्थिति सामान्य नहीं होती है। उन्होंने कहा कि अगर चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति भंग करता है, तो यह संबंधों को और प्रभावित करेगा। गौरतलब है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के संबंध काफी खराब हैं। इसे पटरी पर लाने के लिए कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन दोनों देश के बीच संबंध अभी भी सामान्य नहीं हुए हैं।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बेंगलुरु में कहा, “हमने अपनी स्थिति बनाए रखी है कि अगर चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति भंग करता है, तो यह हमारे संबंधों को प्रभावित करेगा। हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं। यह तब तक सामान्य नहीं हो सकता जब तक सीमा की स्थिति सामान्य नहीं होती है।”

जयशंकर ने यह भी कहा कि बड़ी समस्या सीमा की स्थिति है और भारतीय सेना जमीन पर डटी हुई है। उन्होंने कहा, “हमने उन जगहों से पीछे हटने में काफी प्रगति की है जहां हम एलओसी के बहुत करीब थे।” बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव पर एस जयशंकर ने कहा, “यह हमारी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन था। तीसरा देश दूसरे देश के कब्जे वाले संप्रभु भारतीय क्षेत्र पर काम कर रहा है।”

इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत तथाकथित सीपीईसी में परियोजनाओं का दृढ़ता से और लगातार विरोध करता है जो कि भारतीय क्षेत्र में हैं जो पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है। आधिकारिक बयान में कहा गया है, “ऐसी गतिविधियां स्वाभाविक रूप से अवैध, नाजायज और अस्वीकार्य हैं, और भारत द्वारा उनके अनुसार व्यवहार किया जाएगा।”

सीपीईसी परियोजनाओं में तीसरे देशों की भागीदारी के संबंध में मीडिया के सवालों के जवाब में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा, “हमने तथाकथित सीपीईसी परियोजनाओं में तीसरे देशों की प्रस्तावित भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर रिपोर्ट देखी है।” उन्होंने कहा, “किसी भी पार्टी द्वारा इस तरह की कोई भी कार्रवाई सीधे तौर पर भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती है।”

MEA की प्रतिक्रिया उन रिपोर्टों के बीच आई है कि पाकिस्तान और चीन ने किसी भी इच्छुक तीसरे देश को बहु-अरब डॉलर की बुनियादी ढाँचा CPEC परियोजना में शामिल होने के लिए आमंत्रित करने का निर्णय लिया है, जिसे उन्होंने पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग करार दिया। 2015 में चीन ने पाकिस्तान में 46 बिलियन अमरीकी डालर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) परियोजना की घोषणा की थी, जिसमें से बलूचिस्तान एक अभिन्न अंग है।

नेशनल

मणिशंकर अय्यर के पाक प्रेम पर बीजेपी का पलटवार, कही ये बात

Published

on

Loading

नई दिल्ली। बीजेपी ने मणिशंकर अय्यर के उस बयान पर कांग्रेस पर निशाना साधा है जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को सम्मान दिए जाने की जरुरत है क्योंकि उसके पास एटम बम है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंदशेखर ने कहा कि धीरे-धीरे कांग्रेस और राहुल गांधी की विचारधारा देश के सामने साफ हो रही है। इन लोगों की विचारधारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के आतंकवादियों की समर्थक बन गई है। मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि ये लोग मणिशंकर अय्यर के बयान से खुद को अलग कर लेंगे। जैसे इन लोगों ने दिग्विजय सिंह के बयान से खुद को अलग कर लिया था।

वहीं बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि ‘अब कांग्रेस भारत में आतंकवादी भेजने वाले पाकिस्तान को इज्जत देने की बात कर रही है। कांग्रेस का हाथ आतंकवादियों एवं पाकिस्तान के साथ दिख रहा है और अब इसका एक और प्रमाण सामने आ गया।’ उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया है कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गिड़गिड़ा रहा है।

पूनावाला ने मणिशंकर अय्यर के बयान को लेकर गांधी परिवार और कांग्रेस पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, ‘कांग्रेस परिवार के करीबी मणिशंकर अय्यर जो कि पीएम मोदी को हटाने के लिए एक बार पाकिस्तान से मदद मांगने भी गए थे। अब वह पाकिस्तान की ताकत और उसके परमाणु बम को दिखा रहे हैं। मणिशंकर अय्यर, भारत में आतंकवादी भेजने वाले पाकिस्तान को इज्जत देने की बात कर रहे हैं, जबकि इसी कांग्रेस के नेता हमारी सेना के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं। मणिशंकर अय्यर हमारी सेना के बंदूक लेकर घूमने, मोदी सरकार द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान को सबक सिखाने जैसे कदमों की बजाय यह चाहते हैं कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए कदम न उठाए।’

बीजेपी प्रवक्ता ने कि कांग्रेस सरकार के समय मुंबई में 26/11 के भयानक आतंकी हमले के बाद भी मनमोहन सिंह की सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के बजाय उसे मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दे दिया था। उन्होंने कहा, ‘उनकी सरकार के समय लगातार आतंकी घटनाएं होती थीं और भारत अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर मदद की गुहार लगाया करता था। लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने जिस तरह से पाकिस्तान को सबक सिखाने का काम किया है, उसके बाद अब हालत यह हो गई है कि पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर गिड़गिड़ाना पड़ रहा है।’

Continue Reading

Trending