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एचडीएफसी बैंक ने आयोजित कीं साइबर धोखाधड़ी जागरूकता कार्यशालाएं, डिजिटल बैंकिंग प्रथाओं के बारे में किया शिक्षित
नई दिल्ली। एचडीएफसी बैंक ने अपने चल रहे डिजिटल बैंकिंग जागरूकता अभियान के एक भाग के रूप में, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर में सुरक्षित बैंकिंग कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित की। त्योहारी सीजन के दौरान बैंक ने नवंबर और दिसंबर में 300 से अधिक ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन किया, जिसमें 8,000 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रथाओं के बारे में जागरूक किया गया।
इन कार्यशालाओं का उद्देश्य स्कूल, कॉलेजों, ग्राहकों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों, वरिष्ठ नागरिकों, स्वयं सहायता समूहों, ग्राहकों और कर्मचारियों को शिक्षित करना था। इन इंटरैक्टिव सत्रों के माध्यम से, प्रतिभागियों को सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रथाओं पर बहुमूल्य जानकारी प्राप्त हुई ताकि वे साइबर धोखाधड़ी का शिकार न हों।
कार्यशाला में डिजिटल सुरक्षा की व्यापक समझ सुनिश्चित करते हुए कई प्रासंगिक विषयों को शामिल किया गया:
1. आईएफएडब्ल्यू (IFAW) की पृष्ठभूमि: उपस्थित लोगों को डिजिटल जागरूकता की वकालत करने में अंतर्राष्ट्रीय धोखाधड़ी जागरूकता सप्ताह के मिशन/भूमिका से परिचित कराया गया।
2. साइबर धोखाधड़ी जागरूकता: विशिंग, फ़िशिंग, स्मिशिंग, रिमोट डिवाइस एक्सेस, सिम स्वैप और यूपीआई धोखाधड़ी जैसे सामान्य साइबर खतरों के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। समझ को गहरा करने के लिए वास्तविक जीवन के उदाहरणों का उपयोग किया गया।
3. सुरक्षित नेट-बैंकिंग और शॉपिंग टिप्स: सत्रों में सुरक्षित ऑनलाइन लेनदेन के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं पर प्रकाश डाला गया, विजिल आंटी के महत्व पर प्रकाश डाला गया और सुरक्षित ऑनलाइन शॉपिंग के लिए अमूल्य टिप्स दिए गए।
4. निवारक उपाय: उपस्थित लोगों को ओटीपी, सीवीवी, डेबिट/क्रेडिट कार्ड पिन और यूपीआई पिन जैसी संवेदनशील जानकारी का खुलासा न करने के लिए निर्देशित किया गया।
इस पर टिप्पणी करते हुए, श्री मनीष अग्रवाल, कार्यकारी उपाध्यक्ष – क्रेडिट इंटेलिजेंस एंड कंट्रोल – एचडीएफसी बैंक ने कहा, “त्योहारों का मौसम खुशी और जश्न का समय है, लेकिन साथ ही साइबर अपराधी भी सक्रिय हैं। आमतौर पर, इस अवधि के दौरान ई-कॉमर्स साइटों पर विभिन्न आकर्षक सौदों के कारण ऑनलाइन शॉपिंग में वृद्धि होती है, जिससे साइबर धोखेबाजों के शिकार होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए इस दौरान सतर्क रहना जरूरी है। नागरिकों के बीच जागरूकता पैदा करना आवश्यक है ताकि वे गोपनीय बैंकिंग डेटा साझा न करें या असत्यापित लिंक पर क्लिक न करें। इन जागरूकता सत्रों का उद्देश्य प्रतिभागियों को धोखेबाजों द्वारा उपयोग किए जाने वाले विभिन्न तौर-तरीकों और सुरक्षित बैंकिंग प्रथाओं के बारे में शिक्षित करना है जिनका उन्हें पालन करने की आवश्यकता है ताकि वे इस तरह की ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार न बनें।
चालू वित्तीय वर्ष (FY24) में, एचडीएफसी बैंक ने पूरे भारत में 3,980 से अधिक ऐसे सत्र आयोजित किए हैं और समाज के विभिन्न क्षेत्रों को कवर करते हुए 42,000 से अधिक प्रतिभागियों तक पहुंच बनाई है।
बैंक ग्राहकों को डिजिटल रूप से लेनदेन करते समय सतर्क रहने और सुरक्षित बैंकिंग आदतें अपनाने और अपनी गोपनीय बैंकिंग जानकारी किसी के साथ साझा करने से बचने के लिए प्रोत्साहित करता है। यदि कोई ग्राहक धोखाधड़ी का शिकार हो जाता है, तो उन्हें तुरंत अपनी संबंधित शाखा से संपर्क करना चाहिए और 1930 (राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल द्वारा हेल्पलाइन नंबर) पर कॉल करना चाहिए।
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Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो
नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।
व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।
तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।
व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।
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