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मुख्य समाचार

हरीश रावत करेंगे केन्द्र सरकार के खिलाफ उपवास

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हरीश रावत, केन्द्र सरकार के खिलाफ उपवास, विधानसभा में पारित बजट खारिज

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हरीश रावत, केन्द्र सरकार के खिलाफ उपवास, विधानसभा में पारित बजट खारिज

photo: saharasamay.com

देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यंमत्री ने आज यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में केन्द्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर केंद्र सरकार की मनमानी नहीं रुकी तो वह विरोध में उपवास करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि विधानसभा में पारित हुए बजट को खारिज किया गया तो वह 24 घंटे का उपवास करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ऐसे घटिया प्रयास को बिल्कुल स्वीकार नहीं करेगी। रावत ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा विधानसभा में पारित हुए बजट को खारिज करने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। उत्तराखंड की विधानसभा अभी भी अस्तित्व में है। विधानसभा में पारित हुए बजट को खारिज करना विधानसभा का अपमान है।

भाजपा की दावेदारी ने बनाए नए समीकरण

उत्तराखंड में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के साथ अब भाजपा की दावेदारी ने नए समीकरण बना दिए हैं। नौ कांग्रेस विधायकों के निलंबन के बाद मामला कांग्रेस के पक्ष में है, लेकिन मौजूदा स्थिति में भाजपा पूरी तरह से कांग्रेस के बागी विधायकों के निलंबन पर कोर्ट से आने वाले फैसले पर टिकी है। दूसरा विकल्प, पीडीएफ और बसपा के 6 विधायकों का है, लेकिन उनको साथ लेने पर भाजपा भी हार्स ट्रेडिंग के आरोपों में घिर सकती है। ऐसी स्थिति में नई सरकार का गठन करना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती होगी। सरकार गठन की कोशिशों को कांग्रेस ने तेज कर यह संदेश दिया है कि बहुमत अब भी उसके साथ है।

मौजूदा समय में 61 सदस्यों वाली विधानसभा में हरीश रावत 34 का समर्थन होने का दावा राज्यपाल से कर आए हैं। रावत के इस दांव से भाजपा में बेचैनी बढ़ गई है। भाजपा ने सोमवार को सरकार बनाने के अपने दावे पर अस्पष्ट प्रतिक्रियाओं पर विराम लगाने की कोशिश की है। उनकी सीनियर लीडरशिप संदेश देती नजर आई कि वह सरकार बनाने के पक्ष में है। उनके दावे को शाम तक बागी विधायकों के हवाले से भाजपा के समर्थन के बयानों ने बल दिया। हालांकि बहुमत का नंबर फिलहाल कांग्रेस के साथ दिख रहा है, जिसमें भाजपा के लिए सेंधमारी आसान नहीं होगी। भाजपा के लिए चुनावी वर्ष में हार्स ट्रेडिंग के आरोपों के साथ चुनावों में उतरने को कई वरिष्ठ नेता सही नहीं मान रहे है। ऐसे में भाजपा फिलहाल बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने के मामले में कोर्ट से आने वाले निर्णय का इंतजार करेगी। उसके बाद ही वह अगला दांव खेल सकती है। भाजपा की इस सियासी दिक्कत को देखते हुए कांग्रेस इस अवधि को अपने लिए डेडलाइन के तौर पर देख रही है। 28 मार्च का मौका हाथ से जाने के बाद अब बागियों की याचिका पर कोर्ट का निर्णय आने तक का समय कांग्रेस लीडरशिप नहीं गंवाना चाहती।

 

नेशनल

जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल, 1 जून तक के लिए मिली अंतरिम जमानत

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा। केजरीवाल आज ही तिहाड़ से बाहर आएंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल पर चुनाव प्रचार को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ये आदेश पारित किया है। केजरीवाल को जमानत लोकसभा चुनाव के चलते दी गई है। हालांकि कोर्ट में ईडी ने इसका विरोध किया और कहा कि ये संवैधानिक अधिकार नहीं है।

अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से 5 जून तक की जमानत की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने कहा- “हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए। केजरीवाल को मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और गिरफ़्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी। अब 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 2 जून को अरविंद केजरीवाल सरेंडर करेंगे।”

बीते गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने केजरीवाल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। ईडी ने हलफनामे में कहा था कि चुनाव प्रचार करना कोई मौलिक अधिकार नहीं है। वहीं, दूसरी ओर ईडी के हलफनामे पर केजरीवाल की लीगल टीम ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हालांकि, ईडी की सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए अदालत ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है।

 

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