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प्रादेशिक

गोरखपुर में एक और हत्या, मुफ्त शराब न देने पर वेटर को पीट-पीटकर मार डाला

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लखनऊ। गोरखपुर में कानपुर के एक कारोबारी की हत्या के करीब 72 घंटे बाद एक मॉडल शराब की दुकान पर काम करने वाले 25 वर्षीय व्यक्ति को ग्राहकों ने नशे में पीट-पीट कर मार डाला। यह घटना दुकान में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना गुरुवार की देर रात रामगढ़ ताल थाने से करीब आधा किलोमीटर दूर हुई।

पीड़ित मनीष प्रजापति मध्य प्रदेश का रहने वाला था और पिछले कुछ महीनों से इस मॉडल शराब की दुकान में काम कर रहा था। गुरुवार को कुछ लोग दुकान पर आए और शराब का आर्डर दिया। ऑर्डर मिलने में हो रही देरी से ग्राहक नाराज हो गए और इस पर मनीष के साथ गाली-गलौज भी हो गई। बहस जल्द ही लड़ाई में बदल गया और ग्राहकों ने कथित तौर पर मनीष और एक अन्य स्टाफ सदस्य रघु पर हमला किया।

ग्राहकों ने अपने कुछ और दोस्तों को भी बुलाया जो हमले में शामिल हुए और यह लगभग 20 मिनट तक जारी रहा। पुलिस के आने तक हमलावर भाग चुके थे। दोनों घायलों को अस्पताल ले जाया गया जहां मनीष को मृत घोषित कर दिया गया। रघु अभी भी अस्पताल में भर्ती है जहां उसकी हालत गंभीर है।
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और फिलहाल आरोपियों की पहचान करने की कोशिश कर रही है।

गोरखपुर पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है, जिनकी पहचान सीसीटीवी फुटेज से की जा रही है। पुलिस ने ट्वीट किया कि आरोपी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।

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प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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