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जनरल रावत व उनकी पत्नी पंचतत्व में विलीन, 17 तोपों की दी गई सलामी
नई दिल्ली। तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सीडीएस जनरल बिपन रावत का दिल्ली कैंट में ब्रार स्क्वायर स्थित श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और मधुलिका रावत की बेटियों कृतिका और तारिणी ने अपने माता-पिता को श्रद्धांजलि दी। परिवार के अन्य सदस्य भी उन्हें अंतिम विदाई देने में शामिल हुए।
सीडीएस की मौत से पूरा देश सदमे में है। जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर उनके आवास से बरार स्क्वायर ले जाया गया जहाँ करीब शाम 5 बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें 17 तोपों की सलामी दी गई। इस दौरान 800 जवान यहां मौजूद रहे। बरार स्क्वायर में CDS जनरल विपिन रावत को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने श्रद्धांजलि दी। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी श्रद्धाजंलि देने पहुंचे। CDS विपिन रावत और मधुलिका रावत के परिजन श्रद्धांजलि देते वक्त फफक पड़े।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अंतिम यात्रा में उमड़े लोगों के हुजूम ने ‘भारत माता की जय’, ‘जनरल रावत अमर रहें’ जैसे नारे लगाए। इससे पहले, शुक्रवार सुबह 11 बजे से जनरल रावत और उनकी पत्नी के शवों को उनके परिवार, दोस्तों और जनता के अंतिम दर्शन के लिए उनके दिल्ली स्थित घर पर रखा गया।
बाद में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का पार्थिव शरीर दिल्ली छावनी के बरार स्क्वायर श्मशान घाट लाया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित की। बता दें कि जनरल रावत, उनकी पत्नी और ब्रिगेडियर लिद्दर के अलावा, एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सशस्त्र बल के 10 जवानों की मृत्यु हो गई थी।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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