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टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का सड़क हादसे में निधन

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मैनपुरी। टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और उद्योगपति साइरस मिस्त्री का निधन हो गया है। मुंबई के पालघर में हुए एक सड़क हादसे में उनकी मौत हुई है। दुर्घटना के बाद मिस्त्री को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री की रविवार को एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई, जब उनकी कार महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक डिवाइडर से टकरा गई।

अधिकारी ने बताया कि हादसा दोपहर करीब 3.15 बजे हुआ जब मिस्त्री मर्सिडीज कार में अहमदाबाद से मुंबई जा रहे थे। घटना सूर्या नदी पर बने पुल की है। कार चालक समेत उनके साथ यात्रा कर रहे अन्य दो लोग घायल हो गए। सभी घायलों को गुजरात के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बता दें कि 2012 में रतन टाटा के इस्तीफे के बाद साइरस मिस्त्री को टाटा सन्स का चैयरमैन पद सौंपा गया था, हालांकि 4 साल के भीतर ही उन्हें इस पद से हटा दिया गया।

साइरस मिस्त्री एक खरबपति परिवार से ताल्लुक रखने वाले देश के जानेमाने व्यापारी और उद्योगपति थे। वे टाटा ग्रुप के प्रमुख रतन टाटा के रिश्तेदार भी हैं। उनकी एक बहन की शादी रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा से हुई थी।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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