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पूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि आज, राष्ट्रपति व पीएम सहित कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली। आज पू्र्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि है। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व PM को याद करते हुए PM मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा,”भारत के 140 करोड़ भारतीय के साथ मिलकर मैं अतुलनीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। आपके नेतृत्व से देश को काफी लाभ हुआ। देश के विकास को नई बुलंदियों तक पहुंचाने और 21वीं शताब्दी में हर सेक्टर में देश को आगे ले जाने में आपकी अहम भूमिका थी।”
‘सदैव अटल’ स्मारक पर पहुंचीं राष्ट्रपति
दिवंगत प्रधानमंत्री की समाधि ‘सदैव अटल’ पर आयोजित प्रार्थना सभा में हिस्सा लेने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहुंची और उन्होंने स्मारक पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उपराष्ट्रपति उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पीएम मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह समेत भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने भी स्मारक पर पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
NDA के नेताओं ने भी की शिरकत
गौरतलब है कि भाजपा ने पहली बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथी सहयोगियों को ‘सदैव अटल’ स्मारक पर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रम में आमंत्रित किया। इस कार्यक्रम में NDA के सहयोगी नेताओं में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, तमिल मनीला कांग्रेस के नेता जीके वासन, AIADMK के थंबी दुरई, अपना दल नेता अनुप्रिया पटेल, NCP नेता प्रफुल्ल पटेल और अगाथा संगमा समेत अन्य शामिल थे।
भाजपा ने लिखा
भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए पूर्व प्रधानमंत्री को याद करते हुए लिखा,” भारतीय जनता पार्टी के पितामह, अनंत धार्मिक के प्रेरणा पुंज, भारत रत्न से अलंकृत पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी जी की मोमिन पर अंतिम श्रद्धांजलि।”
बेटी नमिता भट्टाचार्य ने श्रद्धांजलि दी
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की बेटी नमिता कौल भट्टाचार्य ने उनकी पुण्यतिथि पर ‘सदैव अटल’ पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने सुशासन की नींव रखी
गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें याद करते हुए अपने X (ट्विटर) हैंडल पर लिखा,”भारतीय राजनीति के अजातशत्रु परम श्रद्धेय अटल जी ने सिद्धांत एवं सिद्धांतों पर आधारित राजनीति के उच्चतम मानक स्थापित किये।”
उन्होंने आगे लिखा,”राष्ट्रसेवा की अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति से एक तरफ उन्होंने सुशासन की नींव रखी तो दूसरी तरफ उन्होंने पोखरण से पूरे विश्व को भारत की दृढ़ता का परिचय दिया। अपने संगठन कौशल से पार्टी को शून्य से शिखर तक अमूल्य योगदान देने वाले ऐसे युगपुरुषों को उनकी यादों पर कोटिशः नमन।”
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए ट्विटर हैंडल पर लिखा,”श्री अटल जी की स्मृति पर मैं उन्हें एवं स्मरण करता हूँ। उन्होंने देश को विकास और सुशासन के पथ पर ला दिया। उन्हें मेरी भावभीनि श्रद्धांजलि।”
ओम बिड़ला ने कविता लिखकर किया याद
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने उन्हें याद करते हुए ट्विटर हैंडल पर अटल बिहारी वाजपेयी की कविता का एक अंश लिखा।
बाधाएं आती हैं आएं
घिरें प्रलय की घोर घटाएं
पांवों के नीचे अंगारे
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं
निज हाथों से हंसते-हंसते
आग लगाकर जलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा
पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर सादर नमन। उनकी पुनीत स्मृतियां हमारे लिए प्रेरणा हैं।
तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने
गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 1996 में पहली बार 13 दिन के लिए देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद वे 1998 और 1999 से 2004 तक प्रधानमंत्री रहे। लंबी बीमारी के बाद 16 अगस्त 2018 को उनका निधन हो गया। वे कुल तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे। उन्हें 2015 में ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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