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बिजनेस

BharatPe के पूर्व MD अशनीर ग्रोवर व उनकी पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी की FIR दर्ज  

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Ashneer Grover and his wife

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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने भारतपे (BharatPe) के पूर्व प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है।

अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी के अलावा दीपक गुप्ता, सुरेश जैन और श्वेतांक जैन सहित परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह प्राथमिकी 81 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के आरोप में दर्ज की गई है।

इसमें शामिल पक्षों के खिलाफ गंभीर संज्ञेय आपराधिक अपराधों की आठ धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। जिसमें 409 (लोक सेवक, या बैंकर, व्यापारी, या एजेंट द्वारा विश्वास का आपराधिक उल्लंघन), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना),  467 (बहुमूल्य सुरक्षा, वसीयत आदि की जालसाजी), 120B (आपराधिक साजिश) और अन्य धाराएं शामिल हैं।

एक सूत्र ने बताया कि एफआईआर में कहा गया है कि EOW को शिकायत प्राप्त हुई और उक्त व्यक्तियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच की गई। शिकायत और अब तक की गई जांच में धारा 406/408/409/420/467/468/471/120बी आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) के तहत प्रथम दृष्टया में दंडनीय अपराध का मामला बनता है।

पिछले साल मार्च में ग्रोवर को कंपनी ने किया था बर्खास्त

बता दें कि पिछले छह महीनों के दौरान अशनीर ग्रोवर का नाम पांच मुकदमों में शामिल रहा है। जनवरी 2022 में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप सामने आने के बाद वह BharatPe के साथ कानूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं। ग्रोवर को पिछले साल मार्च में कंपनी से बर्खास्त कर दिया गया था।

दिसंबर 2022 में दिल्ली स्थित फिनटेक यूनिकॉर्न ने ग्रोवर और उनके परिवार के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में एक आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें 81.28 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी, विश्वास का आपराधिक उल्लंघन, साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी और सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया था।

उसी महीने, BharatPe ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक दीवानी मुकदमा भी दायर किया था, जिसमें ग्रोवर और उनके परिवार से विभिन्न मदों में हुए नुकसान को लेकर 88.67 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की मांग की थी।

BharatPe ने सिंगापुर में मध्यस्थता का दावा दायर किया था ताकि ग्रोवर को आवंटित प्रतिबंधित शेयरों (1.4 फीसदी) को वापस लिया जा सके और उन्हें कंपनी के संस्थापक के शीर्षक का उपयोग करने से रोका जा सके। इस साल जनवरी में कोलाडिया ने दिसंबर 2018 में ट्रांसफर किए गए शेयरों को वापस लेने के लिए ग्रोवर पर मुकदमा दायर किया था।

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बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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