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ईडी का दावा- पात्रा चॉल प्रोजेक्ट में संजय राउत को मिले एक करोड़ रुपये
मुंबई। शिवसेना सांसद संजय राउत और उनके परिवार को मुंबई में पात्रा चॉल के पुनर्विकास प्रोजेक्ट में अनियमितता से एक करोड़ रुपये मिले। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक विशेष अदालत को यह जानकारी दी है। मालूम हो कि विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) कोर्ट के जस्टिस एमजी देशपांडे ने राउत को चार अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है।
ईडी ने यह दावा मनी लॉन्ड्रिंग केस में संजय राउत की हिरासत की मांग करते हुए किया था। जांच एजेंसी के मुताबिक यह मामला उपनगरीय गोरेगांव में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में अनियमितताओं और वित्तीय संपत्ति के लेनदेन से जुड़ा है, जिसमें उनकी पत्नी और उनके कथित सहयोगी शामिल हैं।
हालांकि, संजय राउत ने दावा किया कि उनके खिलाफ आरोप अस्पष्ट हैं और राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से लगाए गए हैं। बता दें 60 वर्षीय राजनेता संजय राउत को रविवार रात गिरफ्तार किया गया था। दक्षिण मुंबई के बैलार्ड एस्टेट में ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में उनसे छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद गिरफ्तारी हुई।
‘घर पर मिले पैसे का स्रोत बताएं राउत’
वहीं, शिवसेना के एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले गुट के विधायक दीपक केसकर ने कहा कि राउत को उनके घर पर मिले 11 लाख रुपये के स्रोत के बारे में ईडी को बताना चाहिए। केसकर ने कहा, ‘हर कोई घर पर उचित मात्रा में नकदी रखता है। हमने देखा है कि जब आप यात्रा करते हैं तो आप दो लाख रुपये तक नकद ले जा सकते हैं। अगर राशि इस सीमा से अधिक है तो यह बताना होगा कि किस बैंक से राशि निकाली गई थी।’
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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